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बुधवार, 28 अप्रैल 2021

"ऑक्सीजन की कमी को दूर करें-होमियोपैथ की ये अचूक दवाएं"

 इन दिनों के "पैनिक" होते माहौल को देखते हुए और एक डॉक्टर होने के नाते आज आप सभी  से कुछ जरूरी दवाओं को साझा कर रही हूँ। शायद किसी एक की भी ये सहायता कर सकें तो सौभाग्य मेरा । 

"कोरोना" को झेलते हुए हमें लगभग एक साल से ज्यादा हो गया यदि हमने लापरवाहियां ना वरत कर थोड़ी भी समझदारी से काम लिया होता तो आज इस तरह से काल का ग्रास नहीं बने होते। हमने अपनी पारम्परिक जीवन शैली अपना ली होती,हर बात पर अंग्रेजी दवा लेते रहने की जगह सिर्फ अपने रहन-सहन का तरीका बदल दिया होता तो हालात कुछ और रहते। भारत की जनसख्या के हिसाब से हरएक को पूरी मेडिकल सुविधाएं देना असम्भव है और ये अब और मुश्किल हो चूका है जब मौत का भी सौदा होने लगा है। 

जिस तरह से यात्रा करते वक़्त वाहन पर ये लिखा होता है कि -"यात्रीगण अपने सामान की रक्षा स्वयं करें "

वैसे ही हमें खुद पर ये टैग लगा लेना होगा कि -"हमारी जीवन रक्षा की जिम्मेदारी हमारी स्वयं की है "डॉक्टर की नहीं,व्यवस्था की नहीं,सरकार की नहीं। रोग कहे या काल उसे हम खुद घर पर ला रहें है और दोष सरकार को दे रहे हैं। 

खैर,जो हो गया सो हो गया। अब भी सचेत जाये तो बहुत कुछ बचा सकते हैं -

सबसे पहले बात जो हजारो डॉक्टर चीख-चीखकर कह रहें है और आपने भी अपने आस-पास को देखकर ये महसूस किया होगा कि -

1 -हॉस्पिटल से ज्यादा आप घर पर सुरक्षित है। 

2 -आर्युवेद और योग  को अपनायें। 

मैं आपको कुछ होमियोपैथिक दवा बता रही हूँ जो कि -आजकल सोशल मिडिया पर भी बहुत आ रहा है लेकिन होमियोपैथ की दवाओं के बारे में सही जानकारी ना होने की वजह से लोग दुविधा में होते है कि लूँ या ना लूँ। 

मैं आपको पहले ये बता दूँ कि -होमियोपैथिक दवाएं बिलकुल सुरक्षित होती है ये यदि फायदा ना भी करें तो नुकसान नहीं करती (कुछ दवाओं को छोड़कर और वो दवा जल्दी से कोई भी डॉक्टर शेयर नहीं करता )

इन दिनों ऑक्सीजन के लिए हाय-तौबा मचा है,ऐसी बहुत सी दवाएं भी है और योगासन भी है जिससे आप अपनी ऑक्सीजन लेबल को समय रहते कन्ट्रोल कर सकते हैं। 

कुछ खास होमियोपैथिक दवा -

यदि आपके फेफड़े में बहुत ज्यादा कफ महसूस होता है और आपको सांस लेने में दिक्क्त हो रही है तो ---

Aspidosperma Q,20 बून्द आधे कप गुनगुने पानी में डाल कर चाय की तरह सिप लेकर पिए,हर एक घंटे पर,जब थोड़ा कण्ट्रोल हो जाए तो दिन में तीन से चार बार 5 -6 दिनों तक ले। असर आपको पहले डोज़ से ही होने लगेगा। 

दवा  तब तक लेना है जब तक आपके फेफड़े में जमा  कफ पूरी तरह ना निकल जाए। मगर दूसरे दिन से इसका डोज़ कम कर देना है अर्थात दिन में चार या पांच बार। 

कभी-कभी फेफड़े में कफ कन्जेक्शन कम है फिर भी साँस नहीं ली जा रही तो 

Vanadium 30 and carbo veg 30 ,4 drops सीधे जीभ पर आधे-आधे घंटे के अंतर् से बारी-बारी ले (अर्थात बदल-बदलकर ले )

 ठीक लगने पर आप दवा की डोज़ को कम कर देंगे,अर्थात दिन में दो-दो बार दोनों दवा alternate कर के लेना हैं दवा कम से कम 3 -4 दिन तक चलेगी। 

ये दवाएं आपको मौत के मुख से बाहर ला सकती है। 

हाँ,एक और बात और - अभी के हालत में ये देखा जा रहा है कि -आपको कुछ भी सिम्टम नहीं है बस आप पर कोरोना पॉजिटिव का ठप्पा लग गया है और आप पैनिक हो गए। ऐसे हालात में भी आपको साँस लेने में दिक्क्त का सामना करना पड़ रहा है और आप घबड़ा कर डॉक्टर के पास भाग रहे है। यदि ऐसे हालात हो तो,होमियोपैथ की चरपरिचित  दवा या यूँ कहे होमियोपेथी के शान है ये दवा -

Aconite 30,4 drop सीधे जीभ पर 15 -15 मिनट पर भी आप ले सकते हैं और इसके चमत्कार को देख आप दांतो तले उँगली ना दबा लिए तो कहना। 

दवा तब तक लेना है जब तक आपको आराम ना लगे,फिर बंद कर देना है ये दवा आपके डर को कम करता है। 

ये दवाएं बेहद असरदार है। ऊपर बताये तीनों दवा को आप साथ में भी ले सकते हैं आधे-आधे घंटे के अंतर पर। 

उम्मीद है, मैं आपकी कुछ मदद कर पाई हूँ। आज कल जानकारियां तो सभी के पास है आभाव है तो बस सतर्कता की। 

आदरणीय अयंगर जी को  सहृदय धन्यवाद ,मैं कुछ बातें नहीं बता पाई थी जिनकी ओर उन्होंने ध्यान दिलाया। 

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