जूही की कली,मिश्री की डली।
नाजों में पली,तू मेरी लाड़ली।।
चन्दा से मुखडें पे,सूरज सा तेज़ है।
कोमल तन और निर्मल सा मन है।।
आँखों में तेरे है,सपने सुहाने।
सितारों पे घर बनाने की रण है।।
पंख है छोटे,ऊँची उड़ान है।
हौंसले बुलंद और दिल में उमंग है।।
तेरे ही सपने है, आँखों में मेरे।
लो,मैं भी चली हूँ संग-संग तेरे।।
तू आगे चल,मैं तेरे पीछे खड़ी हूँ।
जग से नहीं,मैं तो रब से लड़ी हूँ।।
मुश्किल सफर है, गिरने का डर है।
गम नहीं, हाथ थामे तेरे जनक है।।
सफल होगी तपस्या हमारी।
मिलेगी मंजिल मनचाही तुम्हारी।।
कीचड़ में भी कमल बन खिलना।
आत्मनिर्भर मगर,सुसंस्कृत नारी तू बनना।।
तू मेरा मान,तू स्वाभिमान,
तू ही तो है मेरी जान लाड़ली।।
ये मेरी दुआ है...
आयेगा एक दिन, जब....
हर माँ के दिल का अरमान,
बहनों का अभिमान,
तू बनेगी देश की पहचान लाड़ली।।
जूही की कली,मिश्री की डली।
नाजों में पली,तू मेरी लाड़ली।।
तू मेरी लाड़ली.....