जीवन साथी साथ निभाना
बीच राह में छोड़ ना जाना
थामा है जब हाथ हमारा
अंतिम सफर तक संग में आना
दुल्हन बनी जिस दिन से तेरी
तुम्ही बसे हो नयनन में मेरी
सुख मिला या दुःख जीवन में
थामे रही तुम्हें बाँहों में
रहना था संग हर पल तेरे
पर कासे कहूँ ये, किस्मत के फेरे
समय के इस कठिन डगर पे,
चलना है, दोनों को अभी अकेले
माना,वक़्त ने दूर किया है
मिलने से भी मजबूर किया है
तन की दुरी सह जाऊँगी
मन जो टुटा मर जाऊँगी
दिन वो सुहाना फिर आएगा
प्यारा हमारा रंग लाएगा
मन को ना तुम करों मलिन
मिलन गीत गाएंगे फिर मन मीत
प्यार की बदली फिर छायेगी
घडी मिलन की फिर आयेगी
आखियाँ बहुत है, बरसी अब तक
अब सावन की बुँदे बरसेंगी
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