बुधवार, 6 अक्टूबर 2021

"दे दो ऐसा वरदान..."

कल से माता रानी का आगमन हो रहा है... 
बस, यही प्रार्थना है... 
"माँ" हम सब को सद्बुद्धि दें...  
हम सिर्फ नौ दिन नहीं...उन्हें हमेशा अपने साथ रख सकें 
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 हे! जगजननी करुणामयी माता

 द्वार तुम्हारे आई हूँ। 

अक्षत-रोली, धूप-दीप नहीं

बस,श्रद्धा सुमन संग लाई हूँ।। 


अपने अश्रु की धारा से

तेरे चरण पखारुँगी।

प्रेम-समर्पण की माला से

तेरी छवि सवारुँगी।।


 पूजा की मैं रीत ना जानूँ  

जप-तप का नहीं कोई ज्ञान।

अर्पण तुझको तन-मन माता

मैं ना जानूँ  विधि-विधान।।


धन-वैभव ना सुख अपार

ना माँगू मैं ये संसार।

पावन कर दो आत्मा मेरी

 होगा "माँ" तेरा उपकार।।


ये जग तो है रैन बसेरा 

 पल दो पल का डेरा है। 

 तेरी शरण तक आ पाऊँ 

खोल दो "माँ" हृदय के द्वार।। 


सुख-दुःख तज तेरी हो जाऊँ 

 दे दो, मुझको ऐसा ज्ञान।

अन्तर्मन में तेरी छवि निहारुँ  

दे दो बस, ऐसा वरदान।।।



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