" 2021 "आख़िरकार नया साल आ ही गया। कितने उत्साह, कितने उमंग के साथ आज रात को पुराने साल की विदाई और नए साल के स्वागत का जश्न चलेगा। पुराने साल को ढेरों बद्दुआएं देकर कोसा जायेगा और नए साल से कई नयी उम्मीदें लगायी जायेगी। उम्मीदें लगाना, अच्छा सोचना और आशावान होना सकारात्मक सोच है जो होना ही चाहिए।
मगर सवाल ये है कि - किस आधार पर हम नए साल में नए बदलाव की कामना कर सकते हैं ?
अक्सर मन में विचार आता है "नया साल" आखिर होता क्या है ? देखे तो वही दिन वही रात होती है वही सुबह वही शाम होती है ,बस कैलेंडर पर तारीखे बदलती रहती है। हाँ,कोई एक किस्सा, कोई एक हादसा, कोई एक घटना उस तारीख के नाम हो जाती है बस। जैसा कि 2020 एक भयानक जानलेवा बीमारी और त्रासदी के नाम से याद किया जाएगा। इस साल में जितनी अनहोनियां हुई है उतनी शायद ही किसी साल में हुई हो।अभी ये दिन गुजरा ही नहीं है कि आने वाला साल अपने साथ एक नया दहशत लेकर आ रहा है। फिर नया क्या है ?किस बात का जश्न मना रहे है हम ?
ये नहीं है कि पुराना साल हमें सिर्फ दुःख-दर्द ,डर और दहशत ही दे गया है,उसने हमें एक सबक एक चेतावनी भी दी है। मगर हम में से ज्यादातर लोग उस बुरे घटनाक्रम को ही याद रखेगें,मात्र दस प्रतिशत लोग ही उस सबक और चेतावनी को यादकर खुद को बदलने की कोशिश करेगें।
"नया" शब्द का मतलब क्या है ? नया यानि बदलाव,अब वो बदलाव अच्छा भी हो सकता है बुरा भी। अगर बदलाव अच्छाई,शांति और ख़ुशी लेकर आए तो खुशियाँ मानना जायज है अगर बदलाव दिनों-दिन हमें बुराई, अशांति दुःख-दर्द की ओर ले जा रही है तो फिर किस नयी बात का जश्न मनाया जाये ?
पिछले दशक यानि 2010 से 2020 तक समाज में जितना बदलाव हुआ है वो शायद ही किसी और दशक में हुआ हो। नयी टेक्नॉलजी आई,समाज में इतना बड़ा परिवर्तन हुआ जिसकी 2000 तक कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। सोशल मिडिया ने हमारा पूरा सामाजिक ढांचा ही बदल दिया। आया था अच्छे के लिए मगर हमने उससे अपना बुरा ही किया। चिकित्सा जगत में नए-नए खोजकर पुरानी बिमारियों का इलाज ढूढ़ा गया। क्या हम रोगमुक्त हुए या हमें कई प्रकार की नई बिमारियों ने आ जकड़ा ? आज एक बीमारी ने पुरे विश्व को त्राहि-माम करने पर मजबूर कर दिया। अनगिनत जानें तो गई ही समूचा विश्व आर्धिक तंगी के चपेट में भी आगया।सारे महान ज्ञानियों के खोज-बिन के बाद सभी को इस बीमारी से बचने का बस एक उपाय सुझा कि -"अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये और इस बोमरी से बचें,दूसरा कोई इलाज नहीं है।"
इस त्रासदी के शुरूआती दिनों में तो हम डरे,बच-बचाव के सारे उपाय किये, अपनी सेहत पर ध्यान देना शुरू किया,योग-प्राणायाम ,खान-पान सब पर पूरी सतर्कता से अम्ल किया और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का पूरा प्रयास किया । मगर धीरे-धीरे हम उस रोग में ही रचते-बसते चलें गए है और नतीजा वही "ढाक के तीन पात".
क्यों हम एक ही गलती बार-बार दोहराते जाते हैं और दुःख-दर्द,परेशानी का रोना रोते रहते हैं और फिर ये कामना भी करते हैं कि -"आनेवाले दिनों में सब ठीक हो जायेगा" ?
कैसे ठीक हो जायेगा ? हम अपनी परिस्थिति को ठीक करने के लिए क्या योग्यदान कर रहे है?
ज्ञानीजनों ने,भविष्य वक्ताओं ने कहा था 21 वी सदी बदलाव का युग होगा। बदलाव तो दिख रहा है, मगर ये कैसा बदलाव है जिसमे हर तरफ दर्द और सिसकियाँ ही सुनाई पड़ रही है।
बदलाव हो जायेगा यदि हम 2020 की दी हुई एक-एक सीख को स्मरण कर अपनी गलतियों को सुधारने लगेंगे। आधुनिकता की अंधी दौड़ से खुद को निकलकर अपनी परम्परागत जीवन शैली को अपनाते हुए खुद के सेहत का धयान रखना शुरू करेगें,घर को सुख-ऐश्वर्य के सामान से ही नहीं परिवार से सजाना शुरू करेगें,समाज को कुंठित-कलुषित करना छोड़ उसमे प्यार और भाईचारा का रंग भरना शुरू करेगें,प्रकृति को दूषित करना छोड़, उसे प्रदूषणरहित करने की ओर अग्रसर होंगे, अपनी सोच को बदलगे तो बदलाव जरूर आएगा। ये निश्चित है।
फिर उस दिन शान से कहेगें - "नई सोच के साथ, नया साल मुबारक हो"
सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 01-01-2021) को "नए साल की शुभकामनाएँ!" (चर्चा अंक- 3933) पर होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।
धन्यवाद.
…
"मीना भारद्वाज"
मेरी रचना को स्थान देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया मीना जी,नववर्ष मंगलमय हो
हटाएं🙏👍👏
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार १ जनवरी २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
नववर्ष मंगलमय हो।
मेरी रचना को स्थान देने के लिए तहेदिल से शुक्रिया श्वेता जी,नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंबिल्कुल सही कहा आपने कामिनी जी नयी सोच के साथ नया साल....और सारी नयी सोचों पर यदि हम अमल करेंगे तब ही मुबारक होगा नया साल...वरना सिर्फ कहने भर से कुछ नहीं होने वाला...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक एवं सारगर्भित लेख।
तहेदिल से शुक्रिया सुधा जी,आपकी प्रतिक्रिया हमेशा मेरा उत्साहवर्धन करती है,आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंअपनी सोच को बदलगे तो बदलाव जरूर आएगा। ये निश्चित है।
जवाब देंहटाएंयही तो गंभीर होकर सोच-विचार नहीं कर पाते लोग
बहुत अच्छी सामयिक प्रस्तुति
नव वर्ष मंगलमय हो सबके लिए यही कामना है
तहेदिल से शुक्रिया कविता जी,बिलकुल सही कहा आपने,कोरी कल्पना करने से बदलाव नहीं आने वाला,युग परिवर्तन की घडी है खुद को बदलना ही होगा उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए आभार,आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंसार्थक आलेख। आशा है कल की सुबह एक स्वर्णिम भविष्य की सुनहली रश्मियों से इस संसार को सजाएँगी।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद आपका,परमात्मा सब को सद्बुद्धि दे ताकि एक नए युग का आगमन हो ,उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए आभार,आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंनव वर्ष की नवीन संकल्पना का संदेश डेता सुंदर आलेख..।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद जिज्ञासा जी,,उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए आभार,नववर्ष मंगलमय हो
हटाएंबहुत सही सवाल उठाए हैं आपने। नववर्ष के संदर्भ में आपकी संकल्पना बहुत बढ़िया है। बधाई। सादर।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद आपका,नववर्ष मंगलमय हो
हटाएंडरा-धमका कर ही सही कुछ तो समझदार बना कर ही गया
जवाब देंहटाएंसहमत हूँ आपकी बातों से,कुछ तो बदलाव आया है,बस बरकरार कितने दिन रहेगा ये पता नहीं ,सहृदय धन्यवाद आपका,नववर्ष मंगलमय हो
हटाएंबहुत बढ़िया। बाकी हमेशा से नए साल में कुछ नया देखने को मिलता है..!
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद आपका ,,उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए आभार,आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें....
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद, आपका भी नववर्ष मंगलमय हो
हटाएंबहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद आपका ,उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए आभार,आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएं🙏नववर्ष 2021 आपको सपरिवार शुभऔर मंगलमय हो 🙏
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद, आपका भी नववर्ष मंगलमय हो
हटाएंसुन्दर सकारात्मक आशावादी लेख ।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद आपका ,उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए आभार,आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंहर पल नया है हर दिन नया है
जवाब देंहटाएंहर पल मंगलकारी हो
सहृदय धन्यवाद दी,आपका भी नववर्ष मंगलमय हो
हटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें कामिनी जी
जवाब देंहटाएंआपका भी नववर्ष मंगलमय हो अलकनन्दा जी
हटाएंबहुत सुंदर और सार्थक लेख 👌🏻 नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया सखी,आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंवाह!सखी कामिनी जी , बहुत खूबसूरत व सार्थक लेख ।
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँँ 💐💐💐💐
दिल से शुक्रिया सखी,उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए आभार,आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएं
जवाब देंहटाएंप्रिय कामिनी सिन्हा जी,
💐🙏🏻💐 नववर्ष 2021 के आगमन पर मेरी हार्दिक शुभकामनाएं 💐🙏🏻💐
बहुत विचारपूर्ण सार्थक आलेख
सदैव इसी तरह ऊर्जावान सृजन करती रहें
पुनः हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
सस्नेह,
- डॉ. वर्षा सिंह
दिल से शुक्रिया वर्षा,आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंआत्ममंथन का आह्वान करता महत्वपूर्ण लेख...🙏
जवाब देंहटाएंनववर्ष पर हार्दिक शुभकामनाएं ⭐🌹🙏🌹⭐
दिल से शुक्रिया शारद,आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंबहुत सुन्दर सृजन - - नूतन वर्ष की असंख्य शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद आपका ,आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंसार्थक लेख कामिनी बहन ,सीख लेने वाले कम मिलेगें सच कहा आपने कोसने वाले जृयादा , चिंतन परक सृजन ।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आपको सह परिवार।
सहृदय धन्यवाद कुसुम जी,उत्साहवर्धन करती प्रतिक्रिया के लिए आभार,आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (03-01-2021) को "हो सबका कल्याण" (चर्चा अंक-3935) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--नववर्ष-2021 की मंगल कामनाओं के साथ-
हार्दिक शुभकामनाएँ।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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सहृदय धन्यवाद सर ,मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार ,आपको भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
हटाएंआपको एवं आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ॥
जवाब देंहटाएंईश्वर से यही कामना है कि नव वर्ष में भी सुबह की पहली किरण की तरह आपका जीवन भी रोशनी, रंगों और खुशियों से भरा रहे और आपको हमेशा स्वस्थ, सुखी और धन- धान्य से सम्पन्न रखे।💐
आपकी ढेर सारी दुआओं के लिए दिल से शुक्रिया संजय जी,काफी दिनों बाद आपको ब्लॉग पर देखकर बेहद ख़ुशी हुई ,आप सपरिवार स्वस्थ रहें सकुशल रहें, नववर्ष मंगलमय हो आपका
हटाएंचिंतनपरक,सार्थक आलेख!
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया आपका ,मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सारगर्भित रचना के लिए धन्यवाद एवं बधाई कामिनी जी। 💐
जवाब देंहटाएं*इस साल न कोरोना, न कोरोना का रोना,*
*अब तो हमें नई उम्मीदों के नए बीज बोना।*
*उग आएं दरख़्त इंसानियत से फूले-फले,*
*महक उठे हर दर, हर घर का कोना-कोना।।*
*नव-वर्ष मंगलकारी हो, परम उपकारी हो।*
शुभेच्छाओं सहित।
नव वर्ष पर एक विचारोत्तेजक लेख! साधुवाद!--ब्रजेंद्रनाथ
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सर, सादर प्रणाम
हटाएंसार्थक पोस्ट। नववर्ष मंगलमय हो!
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद नितिश जी
हटाएंपुराने का अवलोकन करना बहुत जरूरी होता है तभी नया और अच्छा हो सकता है ... तभी सुधार भी हो सकता है ... और इसके इए नै सोच जरूरी है ... शुरुआत नए साल से हो तो और भी अच्छा ...
जवाब देंहटाएंतहेदिल से शुक्रिया आपका,सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंBahut khub likha apne. Asha karta hu ese hi aap hame or vichar or lekh deti rahengi.
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद, स्वागत है आपका
हटाएंसहमति ।
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया अमृता जी
हटाएंदेर से लिख रही हूँ सखी | बहुत अच्छा लिखा तुमने | प्रतिपल तुम्हारी शुभता की कामना करती हूँ |
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया प्रिय रेणू ,देर से ही सही तुम्हारी प्रतिक्रिया आई तो सही
हटाएंमेरे लिए यही काफी है,स्नेह सखी