हे! जगजननी करुणामयी माता
द्वार तुम्हारे आई हूँ।
अक्षत-रोली, धूप-दीप नहीं
बस,श्रद्धा सुमन संग लाई हूँ।।
अपने अश्रु की धारा से
तेरे चरण पखारुँगी।
प्रेम-समर्पण की माला से
तेरी छवि सवारुँगी।।
पूजा की मैं रीत ना जानूँ
जप-तप का नहीं कोई ज्ञान।
अर्पण तुझको तन-मन माता
मैं ना जानूँ विधि-विधान।।
धन-वैभव ना सुख अपार
ना माँगू मैं ये संसार।
पावन कर दो आत्मा मेरी
होगा "माँ" तेरा उपकार।।
ये जग तो है रैन बसेरा
पल दो पल का डेरा है।
तेरी शरण तक आ पाऊँ
खोल दो "माँ" हृदय के द्वार।।
सुख-दुःख तज तेरी हो जाऊँ
दे दो, मुझको ऐसा ज्ञान।
अन्तर्मन में तेरी छवि निहारुँ
दे दो बस, ऐसा वरदान।।।
बहुत ही सुंदर प्रार्थना, कामिनी दी।
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया ज्योति जी,सादर नमस्कार
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 07 अक्टूबर 2021 को लिंक की जाएगी ....
जवाब देंहटाएंhttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!
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मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय धन्यवाद सर,सादर नमन
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सर,सादर नमन
हटाएंगहनतम रचना वाह---
जवाब देंहटाएंशुक्रिया संदीप जी,सादर नमन
हटाएंमाँ का वरदहस्त सब पर बना रहे
जवाब देंहटाएंदिल से धन्यवाद गगन जी,सादर नमस्कार
हटाएंमाँ का आशीर्वाद सब पर बना रहे । खूबसूरत सृजन सखी ।
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया सखी
हटाएंसुंदर स्तुति आदरणीय बहुत बधाइयाँ । जय माता की ।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद दीपक जी,सादर नमन
हटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद अनीता जी
जवाब देंहटाएंमातारानी के प्रति सुंदर भावों भरी अभिव्यक्ति ।आपको नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया जिज्ञासा जी, सादर नमन
हटाएंबहुत सुन्दर भजन
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद मनोज जी,सादर
हटाएंपूजा की मैं रीत ना जानूँ
जवाब देंहटाएंजप-तप का नहीं कोई ज्ञान।
अर्पण तुझको तन-मन माता
मैं ना जानूँ विधि-विधान।।
नवदुर्गा कघ स्तुति में बहुत ही लाजवाब एवं भावपूर्ण प्रार्थना।
वाह!!!
बहुत बहुत शुभकामनाएं नवरात्रि पर्व की।
दिल से शुक्रिया सुधा जी,सादर नमन
जवाब देंहटाएंउत्तम मंगल कामना की अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सर, स्वागत है आपका
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं दीप पर्व की| सुन्दर सृजन |
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सर सादर नमस्कार
हटाएंसुंदर कविता।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद नितिश जी
हटाएंआप का ब्लॉग नहीं खुल रहा है शायद कोई तकनीकी समस्या है
जवाब देंहटाएंमाँ के चरणों में भावपूर्ण नमन ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है ... माँ की कृपा सदा बनी रहे सब पर ...
सहृदय धन्यवाद सर, सादर नमस्कार
हटाएंbahut achi rachna hai Rahasyo Ki Duniya par aapko India ke rahasyamyi Places ke baare me padhne ko milegi, Rupay Kamaye par Make Money Online se sambandhit jankari padhne ko milegi.
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