रविवार, 21 जनवरी 2024

"सिया राम मय सब जग जानी"


            सिया राम मय सब जग जानी 

करहु प्रणाम जोरी जुग पानी 

तुलसी दास जी की कही इस चौपाई को चरितार्थ होते हुए आज देखकर खुद के कानों और आंखों पर यकीन ही नहीं हो रहा है। क्या हम सचमुच इस पल के साक्षी बन रहें हैं?

पूरा देश ही नहीं कह सकते है कि पूरी सृष्टि राम मय हो गई है। बच्चे-बच्चे में जो उत्साह, उमंग और श्रद्धा नजर आ रही है वो अब से पहले ना देखीं गई थी और ना ही सुनीं गई थी।ऐसी ऐसी जीवन्त कहानियां सुनने को मिल रही है जिसपर कल्पना करना मुश्किल हो रहा है कि आज भी सनातन धर्म में ऐसे व्यक्तित्व जीवित है?

धनबाद की सरस्वती देवी जी जो राम लल्ला के इंतजार में 30 वषों से मौन धारण की हुई थी जो अब राम का दर्शन कर के "राम"  उच्चारण से ही टुटेगा। अयोध्या के पास के 105 गांव के ठाकुर लोग जिन्होंने 500 साल से ना सर पर पगड़ी पहनी है और ना ही पैरों में जुते,उर्मिला चतुर्वेदी जी जो 30 वषों तक राम मंदिर के इन्तजार में फलाहार में गुजारा लेकिन आज वो उसे देखने के लिए जीवित नहीं है(पिछले साल उनका निधन हो गया) यकीनन राम जी उनके कष्ट को देख नहीं पाएं होंगे। श्रीनिवास शास्त्री जी जो 8000 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर राम लल्ला की चरण पादुका लेकर अवध पहुंच चुके है।

ऐसी-ऐसी अनगिनत कहानियां बन रही है, अनगिनत किर्तिमान बन रहें हैं जो अविश्वसनीय है। अयोध्या की छटा टीवी पर देख कर ही ऐसा लग रहा है जैसे त्रेता युग में आ गए हैं।सच खुद के भाग्य पर यकीन नहीं हो रहा।अगर हमने कोरोना की त्रासदी देखीं तो त्रेता युग का उदय देखने का सौभाग्य भी हमें मिला।

चाहे कुछ पक्ष मुहुर्त, कर्म-कांड, मंदिर की पूर्णता अपूर्णताओं पर लाख प्रश्न उठाए,कितनी भी विध्न बाधाएं डालें लेकिन उनका अन्तर्मन भी ये स्वीकार कर रहा होगा कि जो हो रहा है वो असम्भव सा दिख रहा है। सनातन की शक्ति का इससे बड़ा उदाहरण हो ही नहीं सकता।

इसमें कोई दो राय नहीं कि अयोध्या विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना केंद्र बनने वाला है और भारत निश्चित रूप से अब विश्वगुरु बनने की ओर बढ़ चला है। दुर्भाग्यशाली है वो लोग जो अब भी सिर्फ खुद के अहम वंश या अपने निहित स्वार्थ में अंधे होकर समय के परिवर्तन को नहीं देख पा रहे हैं।

 कल का दिन यकीनन हम सनातनियों के लिए स्वर्ण अक्षरों में इतिहास में दर्ज हो जाएगा ।आप सभी को राम लल्ला के आगमन की अनन्त शुभकामनाएं ,प्रभु राम का अस्तित्व और उनकी कृपा इस धरा पर सदैव बनी है और रहेगी 🙏🙏🙏


14 टिप्‍पणियां:

  1. जय श्रीराम. अच्छी पोस्ट. शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  2. सही कहा कामिनी जी ! इन सबकी भक्ति और त्याग
    सुनकर आश्चर्यचकित हैं. । ये राममयी हवा जो चली है ये उत्साह तो देखते ही बनता है...घर घर भगवा लहरा रहा है मंदिर मंदिर मे अपने राम आगमन पर पूजा पाठ रखे हैं । हाँ साथ ही कुछ पक्ष विपक्ष वाद-विवाद भी हैं पर फिर भी रामभक्ति की बात ही निराली है
    समसामयिक सुन्दर लेख ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सुधा जी,पक्ष विपक्ष तो चलता रहा है चलता रहेगा, अब तो वक्त है खुद के मंथन कि हम किस ओर है, प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार आपका 🙏

      हटाएं
  3. वास्तव में आज अयोध्या विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना केंद्र बन गया है, मर्यादाहीन होते जा रहे समाज को आज राम की तरह मर्यादाशील आदर्श की बड़ी ज़रूरत थी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सही कहा आपने अनीता जी, अब जागने का समय है अभी नहीं तो कभी नहीं, प्रतिक्रिया पाकर बेहद खुशी हुई 🙏

      हटाएं
  4. दिगंबर नासवा31 जनवरी 2024 को 4:33 pm बजे

    एक नये युग का उदय समान ही है प्रभु का आगमन … हर्षित मन की लगान देन नहीं रही बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सही कहा आपने सर, आपको भी बहुत बहुत बधाई 🙏

      हटाएं
  5. सिया राम मय सब जग जानी
    करहु प्रणाम जोरी जुग पानी
    तुलसी दास जी द्वारा रचित चौपाई को सार्थक करता सुन्दर सृजन कामिनी जी ! बहुत बहुत बधाई ।

    जवाब देंहटाएं

kaminisinha1971@gmail.com

"हमारी जागरूकता ही प्राकृतिक त्रासदी को रोक सकती है "

मानव सभ्यता के विकास में नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है तो उनकी वजह आने वाली बाढ़ भी हमारी नियति है। हज़ारों वर्षों से नदियों के पानी क...