शनिवार, 1 जनवरी 2022

"नई सोच के साथ, नया साल मुबारक हो"




 " 2022 "आख़िरकार नया साल आ ही गया। कितने उत्साह, कितने उमंग के साथ कल  रात को पुराने साल की विदाई और नए साल के स्वागत का जश्न मना। पुराने साल को ढेरों बद्दुआएं देकर कोसा गया  और नए साल से कई नयी उम्मीदें लगायी गई। उम्मीदें लगाना, अच्छा सोचना और आशावान होना सकारात्मक सोच है जो होना ही चाहिए। 

मगर सवाल ये है कि - किस आधार पर हम नए साल में नए बदलाव की कामना कर सकते हैं ? 

 अक्सर मन में विचार आता है "नया साल" आखिर  होता क्या है ?  देखे तो वही दिन वही रात होती है वही सुबह वही शाम होती है ,बस कैलेंडर पर तारीखे बदलती रहती है। हाँ,कोई एक किस्सा, कोई एक हादसा, कोई एक घटना उस तारीख के नाम हो जाती है बस। जैसा कि 2020-21  एक  भयानक जानलेवा बीमारी और त्रासदी के नाम से याद किया जाएगा। इस साल में जितनी अनहोनियां हुई है उतनी शायद ही किसी साल में हुई हो।अभी ये दिन गुजरा ही नहीं है कि आने वाला साल अपने साथ एक नया दहशत  लेकर आ रहा है। फिर नया क्या है ?किस बात का जश्न मना रहे है हम ? 

    ये नहीं है कि पुराना  साल हमें सिर्फ दुःख-दर्द ,डर और दहशत ही दे गया है,उसने हमें एक सबक एक चेतावनी भी दी है। मगर हम में से ज्यादातर लोग उस बुरे घटनाक्रम को ही याद रखेगें,मात्र दस प्रतिशत लोग ही उस सबक और चेतावनी को यादकर खुद को बदलने की कोशिश करेगें। 

  "नया" शब्द का मतलब क्या है ? नया यानि बदलाव,अब वो बदलाव अच्छा भी हो सकता है बुरा भी। अगर बदलाव अच्छाई,शांति और ख़ुशी लेकर आए तो खुशियाँ मनाना जायज है अगर बदलाव दिनों-दिन हमें बुराई, अशांति दुःख-दर्द की ओर ले जा रही है तो फिर किस नयी बात का जश्न  मनाया जाये ?

   पिछले दशक यानि 2010 से 2020 तक समाज में जितना बदलाव हुआ है वो शायद ही किसी और दशक में हुआ हो। नयी टेक्नॉलजी आई,समाज में इतना बड़ा परिवर्तन हुआ जिसकी 2000 तक कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। सोशल मिडिया ने हमारा पूरा सामाजिक ढांचा ही बदल दिया। आया था अच्छे के लिए मगर हमने उससे अपना बुरा ही किया। चिकित्सा जगत में नए-नए खोजकर पुरानी बिमारियों का इलाज ढूंढा गया।  क्या हम रोगमुक्त हुए या हमें कई प्रकार की नई बिमारियों ने आ जकड़ा ? आज एक बीमारी ने पुरे विश्व को त्राहिमाम करने पर मजबूर कर दिया। अनगिनत जानें तो गई ही समूचा विश्व आर्थिक तंगी के चपेट में भी आ गया।सारे महान ज्ञानियों के खोज-बीन के  बाद सभी को इस बीमारी से बचने का बस एक उपाय  सुझा कि -"अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए और इस बीमारी से बचें,दूसरा कोई इलाज नहीं है।"

   इस त्रासदी के शुरूआती दिनों में तो हम डरे,बच-बचाव के सारे उपाय किये, अपनी सेहत पर ध्यान देना शुरू किया,योग-प्राणायाम ,खान-पान सब पर पूरी सतर्कता से अमल किया और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का पूरा प्रयास किया । मगर धीरे-धीरे हम उस रोग में ही रचते-बसते चलें गए है और नतीजा वही "ढाक के तीन पात". 

   क्यों हम एक ही गलती बार-बार दोहराते जाते हैं और दुःख-दर्द,परेशानी का रोना रोते रहते हैं  और फिर ये कामना भी करते हैं कि -"आनेवाले दिनों में सब ठीक हो जायेगा" ?

कैसे ठीक हो जायेगा ? हम अपनी परिस्थिति को ठीक करने के लिए क्या योग्यदान कर रहें हैं?

  ज्ञानीजनों ने,भविष्य वक्ताओं ने  कहा था 21 वी सदी बदलाव का युग होगा। बदलाव तो दिख रहा है, मगर ये कैसा बदलाव है जिसमे हर तरफ दर्द और सिसकियाँ ही सुनाई पड़ रही है। 

    बदलाव हो जायेगा यदि हम 2020-21  की दी हुई एक-एक सीख को स्मरण कर अपनी गलतियों को सुधारने लगेंगे। आधुनिकता की अंधी दौड़ से खुद को निकलकर अपनी परम्परागत जीवन शैली को अपनाते हुए खुद के सेहत का ध्यान रखना शुरू करेगें,घर को सुख-ऐश्वर्य के सामान से ही नहीं परिवार से सजाना शुरू करेगें,समाज को कुंठित-कलुषित करना छोड़ उसमे प्यार और भाईचारा का रंग भरना शुरू करेगें,प्रकृति को दूषित करना छोड़, उसे प्रदूषणरहित करने की ओर अग्रसर होंगे, अपनी सोच को बदलगे तो  बदलाव जरूर आएगा। ये निश्चित है। 

फिर उस दिन शान से कहेगें - "नई सोच के साथ, नया साल मुबारक हो"


19 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर अवलोकन एवं आकलन किया है आपने ने वर्ष का ... नववर्ष आपके जीवन में नव-उल्लास लेकर आए।।।

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    1. सहृदय धन्यवाद पुरषोत्तम जी,नव वर्ष आपके और आपके परिवार के लिए मंगलमय हो 🙏

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  2. यथार्थ को प्रस्तुत करता चिन्तनपरक और सारगर्भित सृजन । सही कहा आपने -"अपनी सोच को बदलेंगे तो बदलाव जरूर आएगा। ये निश्चित है।" बहुत समय के बाद आपका सृजन पढ़ने को
    मिला । गत वर्ष का बेहतरीन आकलन किया है आपने । नववर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं कामिनी जी!

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    1. दिल से शुक्रिया मीना जी,नव वर्ष आपके जीवन में नई खुशियां लाए आप शीघ्र अतिशीघ्र स्वस्थ हो, यही कामना करती हूं 🙏

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  3. नई सोच होगी तभी बदलाव भी आएगा । बेहतरीन लेख ।
    नव वर्ष की शुभकामनाएँ ।

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    1. दिल से शुक्रिया दी,नव वर्ष आपके जीवन में सुख शांति और समृद्धि लाए, यही कामना करती हूं 🙏

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  4. आदरणीया कामिनी सिन्हा जी, नमस्ते👏! आपको सपरिवार नव वर्ष की ढेर सारी शुभकाममाएँ!
    बहुत सुंदर अवलोकन! नव चेतना के विकास को प्रेरित करती सुंदर रचना!--ब्रजेंद्रनाथ

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद सर,नव वर्ष मंगलमय हो,सादर नमस्कार आपको 🙏

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  5. यदि हम आधुनिकता की अंधी दौड़ से खुद को निकलकर अपनी परम्परागत जीवन शैली को अपनाते हुए खुद के सेहत का ध्यान रखना शुरू करेगें,घर को सुख-ऐश्वर्य के सामान से ही नहीं परिवार से सजाना शुरू करेगें,समाज को कुंठित-कलुषित करना छोड़ उसमे प्यार और भाईचारा का रंग भरना शुरू करेगें,प्रकृति को दूषित करना छोड़, उसे प्रदूषणरहित करने की ओर अग्रसर होंगे, अपनी सोच को बदलगे तो बदलाव जरूर आएगा। ये निश्चित है। बिल्कुल सटीक कथन कामिनी दी।

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    1. तहे दिल से शुक्रिया ज्योति जी,नव वर्ष आपके और आपके परिवार के लिए मंगलमय हो 🙏

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  6. क्यों हम एक ही गलती बार-बार दोहराते जाते हैं और दुःख-दर्द,परेशानी का रोना रोते रहते हैं और फिर ये कामना भी करते हैं कि -"आनेवाले दिनों में सब ठीक हो जायेगा" ?... गहनता लिए सराहनीय सृजन।
    नववर्ष की हार्दिक बधाई कामिनी दी जी।
    सादर

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    1. दिल से शुक्रिया प्रिय अनीता जी, आप को भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. सहृदय धन्यवाद सर,नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आपको 🙏

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  8. बहुत बढिया प्रिय सखी | तुम्हारा लेखन सदैव कुछ नया सिखाता है नववर्ष पर ढेरों शुभकामनाएं और बधाई | तुम्हारा सदा ही मंगल हो |

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    1. दिल से शुक्रिया सखी,नया साल तुम्हारे परिवार के लिए मंगलमय हो

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  9. नए साल में एक सारगर्भित और प्रेरक सोच की तरफ ले जाता सार्थक आलेख । नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई
    प्रिय कामिनी जी💐🙏

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    1. सहृदय धन्यवाद जिज्ञासा जी, आप को भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏

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  10. नववर्ष पर बहुत ही लाजवाब एवं प्रेरक लेख।

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kaminisinha1971@gmail.com

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