एक दिन,निकले थे
अनजान सफर पे..
रास्ते पता ना थे
मंजिल की परवाह ना थी
बस अपनी धुन में..
कदम-दर-कदम बढाती गई
उदेश्य,सिर्फ दिल की ख़ुशी
कुछ टेढ़े,कुछ मेढ़े
टूटे-फूटे शब्दों को जोड़ते
मन की बात
कलम कहती गई
साथी मिलते गए
हौसला अफजाई होती गई
दोस्तों का संग मिला
महफ़िल सजती गई
गुणीजनों का सहयोग मिला
ज्ञान-गंगा बढ़ती गई
अब रुकना कहाँ है ?
परवाह नहीं...
ख़ुश हूँ,मुतमइन हूँ
और आज,
सौवे पायदान पर
कदम रख चुकी हूँ...
आपका संग,आपका आशीर्वाद
रास आ गया मुझे
शुक्रिया....शुक्रिया
तहे दिल से शुक्रिया दोस्तों !
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आज की इस बिषम परिस्थिति में खुद को व्यस्त , संयमित
और सकारात्मक रखने का एक मात्र सहारा "लेखन कार्य "
किसी से कुछ सीखते हैं किसी को कुछ सिखाते हैं,
बिना किसी से शिकवा-शिकायत किये
वक़्त के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का प्रयास करते हैं।
खुश रहते है और दूसरों को खुश रखते है.....
एक बार फिर से आप सभी को
हृदयतल से शुक्रिया....
सादर नमस्कार,
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार ( 14-05-2021) को
"आ चल के तुझे, मैं ले के चलूँ:"(चर्चा अंक-4065) पर होगी। चर्चा में आप सादर आमंत्रित है.धन्यवाद
…
"मीना भारद्वाज"
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदयतल से आभार मीना जी,सदर नमस्कार
हटाएंबहुत-बहुत बधाई आदरणीया कामिनी जी। आशा ही नही मुझे विश्वास भी है कि आप इसी तरह सौ-सौ की सीढियां चढती चली जाएंगी ।।।।।
जवाब देंहटाएंअनंत शुभकामनायें। ।।।।
हृदयतल से धन्यवाद पुरुषोत्तम जी,आप सभी के सहयोग और प्रोत्साहन के फलस्वरूप ही तो ये यात्रा जारी रख पाई हूँ क्योंकि मेरे लिए तो ये एक अनजान सफर था,आभार एवं सादर नमस्कार आपको
हटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति।बहुत-बहुत बधाई सखी💐💐
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सखी,आप सभी का स्नेह अनमोल है ,आभार एवं सादर नमस्कार
हटाएंवाह, बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद शिवम जी ,आभार एवं सादर नमस्कार
हटाएंबहुत बहुत बधाई कामिनी जी 💐 आपकी लेखन यात्रा निरंतर लोकप्रियता के नये आयाम स्थापित करती रहे💐
जवाब देंहटाएंहृदयतल से धन्यवाद मीना जी,ये सब उपलब्धि सिर्फ आप जैसे दोस्तों के साथ होने से मिली,सादर नमस्कार आपको
हटाएंआपने बहुत ही बेहतर ढंग से आभार व्यक्त किया है। आपके शब्द पढकर वाकई मन प्रसन्न हो गया।
जवाब देंहटाएंसराहना हेतु सहृदय धन्यवाद प्रकाश जी
हटाएंबहुत बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद सर ,आपका आशीर्वाद यूँ ही मिलता रहें,सादर नमस्कार
हटाएंबधाई हो आपको
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद प्रीति जी
हटाएंहार्दिक बधाई, मैम...
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद विकाश जी
हटाएंबहुत बहुत बधाई कामिनी जी आपकी ये यात्रा यूं ही निर्बाध चलती रहे ।
जवाब देंहटाएंनये सोपान चढ़ती रहे ।
नव प्रतिमान स्थापित करती रहे।
सस्नेह।
दिल से शुक्रिया कुसुम जी,मेरी इस यात्रा के साथी आप सभी बने और सफर सुहाना बन गया,आपके आशीर्वाद के लिए हृदयतल से आभार एवं सादर नमस्कार आपको
हटाएंवाह सखी!!!100 का शानदार आँकड़ा और इतना प्यारा अभार0!! तुम्हारे सार्थक लेखों की लाजवाब श्रृंखला में कविताओं के सुंदर मोती भी आ मिले और खूब चमके। बहुत खुश हुं तुम्हारे लिए। तुम्हारे लेखन का नया अंदाज ब्लॉग जगत ने खूब पढ़ा भी और सराहा भी। यूं ही यश बटोरती हुई आगे बढ़ती रहो मेरी यही दुआ और कामना है। ढेरों बधाईयां और शुभकामनाएं प्रिय कामिनी। ढेरों शतक लगाओ , तुम्हारे आभार को सलाम है ।🌷🌷💐💐😛💐💐❤️
जवाब देंहटाएंदिल से शुक्रिया सखी,यदि तुम्हारा साथ ना मिला होता तो यहाँ तक पहुँचना संभव नहीं था मेरे लिए ,मेरी टूटी-फूटी लेखनी को भी सभी का आशीर्वाद मिला और और अच्छा करने की प्रेरणा मिलती रही बस,कदम खुद ब खुद आगे बढ़ते गए ,ढेर सारा स्नेह तुम्हे
हटाएंबहुत-बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंसहृदय धन्यवाद ओंकार जी,सादर नमस्कार
हटाएंएक शतक पूरा !!!
जवाब देंहटाएंवाह कामिनी जी बहुत बहुत बधाई आपको...
शतक पूरा होने की खुशी में भी शानदार सृजन
बहुत बहुत शुभकामनाएं।
तहेदिल से शुक्रिया सुधा जी,आप सभी का स्नेह बना रहे
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई कामिनी जी,शतक के ऊपर सुंदर नायाब रचना ।आपको मेरी हार्दिक शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंशुभकामना के लिए सहृदय धन्यवाद जिज्ञासा जी,सादर नमन आपको
हटाएंइस शानदार शतक की बधाई ।
जवाब देंहटाएंयूँ ही अनवरत लिखती रहें ।
दिल से शुक्रिया दी,आपका आशीर्वाद अनमोल है,सादर नमन
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