" नज़रे मिलती हैं और नज़ारे बदल जाते है
दिल धड़कता हैं और फ़साने बन जाते है "
हैं न, इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा हो जिसे पहली नज़र का प्यार ना हुआ हो,प्यार दिल करता है पर कहते है-" सारा कुसूर नज़रो का हैं. "सही भी है ,इस जीवन का सारा खेल नज़र और नज़रिये का ही तो होता हैं किसी को पथ्थर में भगवान नज़र आते हैं किसी को भगवान भी पथ्थर के नज़र आते हैं।
कबीरदास जी ने कहा -
" पाथर पूजें हरि मिलें, तो मैं पूजूं पहाड़,
तासे यह चाकी भली पीस खाए संसार."