tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post8251844137935223231..comments2024-03-11T12:32:58.950+05:30Comments on मेरी नज़र से : आस्था और विश्वास का पर्व -" छठ पूजा "Kamini Sinhahttp://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comBlogger48125tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-76030511369824798912022-11-10T16:24:13.026+05:302022-11-10T16:24:13.026+05:30मेरी लेख को इतना मान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद...मेरी लेख को इतना मान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद कुसुम जी 🙏Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-85431395315371668022022-11-10T16:23:09.334+05:302022-11-10T16:23:09.334+05:30बहुत बहुत धन्यवाद अनीता जी 🙏बहुत बहुत धन्यवाद अनीता जी 🙏Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-15170460752928130432022-11-02T20:57:57.093+05:302022-11-02T20:57:57.093+05:30छठ महापर्व पर ये पोस्ट कालजयी आलेख है।
अनंत शुभकाम...छठ महापर्व पर ये पोस्ट कालजयी आलेख है।<br />अनंत शुभकामनाएं ।<br />मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-67928705951929012402022-11-02T11:18:24.988+05:302022-11-02T11:18:24.988+05:30छठ पूजा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी ! छठ पूजा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी ! Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-67469263097307188972021-11-30T18:59:24.083+05:302021-11-30T18:59:24.083+05:30देर से आभार व्यक्त करने के लिए माफी चाहती हूं, मेर...देर से आभार व्यक्त करने के लिए माफी चाहती हूं, मेरा लेख आप को पसंद आया लिखना सार्थक हुआ,सादर नमस्कार जितेन्द्र जीKamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-80258289396792931482021-11-30T18:56:54.994+05:302021-11-30T18:56:54.994+05:30दिल से शुक्रिया सखी 🙏दिल से शुक्रिया सखी 🙏Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-31177746524188633002021-11-10T01:18:55.913+05:302021-11-10T01:18:55.913+05:30आपके द्वारा दो वर्ष पूर्व रचित इस लेख को अब जाकर प...आपके द्वारा दो वर्ष पूर्व रचित इस लेख को अब जाकर पढ़ा कामिनी जी। ऐसे सूचनाप्रद एवं उपयोगी लेख को (विलंब से ही सही) पढ़ना मैं अपना सौभाग्य ही मानता हूं। बहुत कुछ जाना, बहुत कुछ सीखा इससे मैंने। अंत में प्रकृति के सम्मान एवं संरक्षण की प्रेरणा भी दी है आपने। गागर में सागर सदृश है आपकी यह रचना। आभार, अभिनंदन तथा छठ पूजा की शुभकामनाएं आपको।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-21210249424394680892021-11-09T15:02:05.295+05:302021-11-09T15:02:05.295+05:30छठपूजा पर बहुत विस्तार से सुंदर और सार्थक लेख, काम...छठपूजा पर बहुत विस्तार से सुंदर और सार्थक लेख, कामिनी दी। इस पूजा के बसरे में सुना तो बहुत था लेकिन आज विस्तार से पता चला।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-75564581249893708432020-12-15T15:00:32.950+05:302020-12-15T15:00:32.950+05:30तहे दिल से शुक्रिया सखीतहे दिल से शुक्रिया सखीKamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-65557878848455932952020-12-15T14:59:46.813+05:302020-12-15T14:59:46.813+05:30सहृदय धन्यवाद कुसुम जी,सादर नमन आपको
सहृदय धन्यवाद कुसुम जी,सादर नमन आपको <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-77966523025615759692020-12-15T14:58:52.515+05:302020-12-15T14:58:52.515+05:30सहृदय धन्यवाद शारद जी,सादर नमन आपको
सहृदय धन्यवाद शारद जी,सादर नमन आपको <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-64819113184417451902020-12-15T14:58:01.949+05:302020-12-15T14:58:01.949+05:30सहृदय धन्यवाद वर्षा जी,सादर नमन आपको
सहृदय धन्यवाद वर्षा जी,सादर नमन आपको <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-41967082858968067012020-12-15T14:57:10.962+05:302020-12-15T14:57:10.962+05:30बहुत बहुत धन्यवाद बिभा दी,प्रतिउत्तर देने में देरी...बहुत बहुत धन्यवाद बिभा दी,प्रतिउत्तर देने में देरी के लिए क्षमा चाहती हूँ,इन दिनों घरेलु व्यस्तता बहुत ज्यादा बढ़ जाने से ब्लॉग को वक़्त नहीं दे पा रही हूँ ,पूर्णतः सहमत हूँ आपकी बातों से,आपने मेरा लेख पढ़ा मेरा लिखना सार्थक हुआ,आपका सादर नमन आपको <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-39522145157397721602020-12-15T14:50:28.545+05:302020-12-15T14:50:28.545+05:30तहे दिल से शुक्रिया मीना जी मेरी पुरानी रचना को स्...तहे दिल से शुक्रिया मीना जी मेरी पुरानी रचना को स्थान देने हेतु,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-22528401294442613832020-12-15T14:49:53.881+05:302020-12-15T14:49:53.881+05:30सहृदय धन्यवाद संजय जी,सादर नमन आपको सहृदय धन्यवाद संजय जी,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-23461636458833059932020-11-20T15:20:48.093+05:302020-11-20T15:20:48.093+05:30कामिनी जी एक बार फिर लाजवाब ज्ञानवर्धक वैज्ञानिक त...कामिनी जी एक बार फिर लाजवाब ज्ञानवर्धक वैज्ञानिक तथ्यों से भरपूर लेख के लिए बधाई।<br />छठ पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-27676221196514437082020-11-20T10:18:57.066+05:302020-11-20T10:18:57.066+05:30प्रिय कामिनी सिन्हा जी,
छठपूजा पर बहुत विस्तार से ...प्रिय कामिनी सिन्हा जी,<br />छठपूजा पर बहुत विस्तार से लिखे गए इस लेख हेतु आपके प्रति साधुवाद 🙏<br /><br />अनंत शुभकामनाओं सहित,<br />डॉ. वर्षा सिंह<br />Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-79340659168377769402020-11-20T10:04:30.972+05:302020-11-20T10:04:30.972+05:30छठ पूजा पर ज्ञानवर्द्धक सुसमृद्ध लेख...
छठ पूजा पर ज्ञानवर्द्धक सुसमृद्ध लेख...<br />Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-78167152171316409532020-11-20T01:57:45.364+05:302020-11-20T01:57:45.364+05:30चूँकि मैं बिहारी हूँ तो आपके लेख से पूरी तरह सहमत ...चूँकि मैं बिहारी हूँ तो आपके लेख से पूरी तरह सहमत हूँ... संयुक्त परिवार के जो भी लाभ-हानिकारक तत्व थे जिनके आधार पर एकल परिवार बना और अब तो एकल में एक की चुनौती से बुआ चाचा मामा मौसी जैसे शब्द भी खतरे में हैं तो छठ की पुरानी आत्मा की खोज... <br /><br />चिंतनीय है... <br /><br />विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-7948028665006484412020-11-19T22:50:14.575+05:302020-11-19T22:50:14.575+05:30प्रिय सखी, एक बार फिर से लेख पढ़ा। बहुत बहुत आभार ...प्रिय सखी, एक बार फिर से लेख पढ़ा। बहुत बहुत आभार और हार्दिक शुभकामनाएं छठ पर्व के लिए। ये पर्व सपरिवार तुम्हारे लिए शुभता और संपन्नता<br />लेकर आये<br />🙏🌹🌹❤❤🌹🌹रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-53444958954730071552019-11-16T13:24:42.462+05:302019-11-16T13:24:42.462+05:30सही कहते हैं हमारे बड़े बुजुर्ग कि -
...सही कहते हैं हमारे बड़े बुजुर्ग कि -<br /> " ना अब वो देवी रही ,ना वो कढ़ाह "<br /><br />[अर्थात ,ना पहले जैसे भगवान में आस्था रही ना ही वैसी भावना से पूजा ] <br />इस त्योहार में देवी षष्ठी माता एवं भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए स्त्री और पुरुष दोनों ही व्रत रखते हैं. इसमें गंगा स्नान का महत्व सबसे अधिक होता हैं. लोक मान्यताओं के अनुसार सूर्य षष्ठी या छठ व्रत की शुरुआत रामायण काल से हुई थी. इस व्रत को सीता माता समेत द्वापर युग में द्रौपदी ने भी किया था. इस दिन षष्टी देवी की कथा भी सुनी जाती है जो इस प्रकार से है...अनमोल जानकारी खूबसूरत लेख कामिनी जी ।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-57218579099115196692019-11-05T11:57:33.446+05:302019-11-05T11:57:33.446+05:30सहृदय धन्यवाद सखी ,आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए अनमोल...सहृदय धन्यवाद सखी ,आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए अनमोल हैं ,सादर Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-5363982533419442312019-11-04T11:23:45.582+05:302019-11-04T11:23:45.582+05:30बहुत ही बेहतरीन, ज्ञानवर्धक लेख लिखा आपने 👌👌बहुत ही बेहतरीन, ज्ञानवर्धक लेख लिखा आपने 👌👌Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-48267160779522240932019-11-02T22:41:24.783+05:302019-11-02T22:41:24.783+05:30 तुम्हारे विस्तृत उत्तर के लिए आभारी हूँ कामिनी |छ... तुम्हारे विस्तृत उत्तर के लिए आभारी हूँ कामिनी |छठपर्व तो साल में एक बार आता है | सनातन धर्म में तो पूरा साल कोई ना कोई पर्व आता ही रहताहै और नहीं तो अमावस और पूर्णिमा तो हैं ही |इनमें दान , स्नान आदि का पुण्य अर्जित करने के लिए अनेक श्रद्धालु नदी , तालाबों आदि के किनारे पर इकठे होते हैं और बहुत साड़ी गन्दगी में अपना योगदान देकर घर लौट जाते हैं |मुझे लगता है आने वाली पीढ़ी समस्त पूर्वाग्रहों से मुक्त होकर इस दिशा में जरुर काम करेगी | कुछ हम छोटे छोटे प्रयास से भी प्रदूषण में कमी ला सकते हैं |तुम्हारी सभी बातों से सहमत हूँ |त्यौहार ही नहीं घरों से लेकर कार्यालयों तक में बढ़ता साइबर कचरा , अस्पतालों में से फैका गया मेडिकल कचरा . घरों में से फैंका गया मिला जुला कचरा सभी तो प्रदुषण के अहम् कारक हैं |हमारे बचपन में हमारे घर में दादी , माँ दोनों कूड़े पर कांच के नाम पर चूड़ी का एक छोटा सा टुकडा तक भी कूड़े में डालने नहीं देती थी | किसी तरह की प्लास्टिक , बाल , रबड़ या पोलीथिन जो कि उन दिनों ज्यादा प्रयोग नहीं होता था , उसे भी कूड़े पर फैकने की मनाही थी | ये सारा सामान अलग डिब्बे अथवा किसी बड़े बर्तन में एकत्रित किया जाता और कबाड़ी को दे दिया जाता | कारण था घर का ये साफ़ सुथरा कूड़ा गोबर के साथ गहरे गड्ढों में डाला जाता और खाद बनने के बाद देशी खाद के रूप में हमारे खेतों में जाता था | दादी कहती थी कि यदि इनमें ये सब चींजें होंगी तो खेती करने वालों के पैरों में चुभेंगी और साथ में खेत की मिटटी को भी बरबाद करेंगी | कितना अच्छा था उनका चिंतन | अच्छा लगा तुम्हारे लेख के बहाने ये बातें लिखना प्रिय सखी | फिर किसी बहाने इस विषय को आगे बढ़ाएंगे | हार्दिक स्नेह के साथ | रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-23623076297833181992019-11-02T21:04:50.898+05:302019-11-02T21:04:50.898+05:30हृदयतल से धन्यवाद मीना जी ,आपको भी छठपूजा की हार्द...हृदयतल से धन्यवाद मीना जी ,आपको भी छठपूजा की हार्दिक शुभकामनाएं Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.com