tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post7485200206615313092..comments2024-03-11T12:32:58.950+05:30Comments on मेरी नज़र से : एक खत पापा के नाम Kamini Sinhahttp://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comBlogger38125tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-31367310289051113042019-06-17T12:51:59.234+05:302019-06-17T12:51:59.234+05:30 बस ,सर अपने अन्दर छुपे दर्द को बाहर निकालने का प्... बस ,सर अपने अन्दर छुपे दर्द को बाहर निकालने का प्रयास भर था, आपकी आंखें नम हुई,तो शायद मैं अपना दर्द बाखुबी वया कर पाईKamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-67087641664087288712019-06-16T15:52:28.900+05:302019-06-16T15:52:28.900+05:30बड़ी मुश्किल से तबतक पढ़ता रहा, जबतक आंखों के धुंधले...बड़ी मुश्किल से तबतक पढ़ता रहा, जबतक आंखों के धुंधलेपन में अक्षर भीगकर गलने लगे.......!!!!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-39487814581143339842019-03-15T15:11:38.953+05:302019-03-15T15:11:38.953+05:30दिल से शुक्रिया.... सखी दिल से शुक्रिया.... सखी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-34702579391973572552019-03-14T08:30:52.851+05:302019-03-14T08:30:52.851+05:30प्रिय कामिनी तुम्हारा लेखन दिल से दिल तक जाने में ...प्रिय कामिनी तुम्हारा लेखन दिल से दिल तक जाने में सक्षम है। शुभकामनाएं। रेणुhttps://www.blogger.com/profile/06997620258324629635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-51893944271113739812019-03-13T12:29:00.155+05:302019-03-13T12:29:00.155+05:30दिल से धन्यवाद ज्योति जी ,सही कहा आपने पापा बेटी क...दिल से धन्यवाद ज्योति जी ,सही कहा आपने पापा बेटी के रिश्ते को शब्दों में बया करना वाकई बहुत मुश्किल था ,आभर एवं स्नेह Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-77794257015379461782019-03-13T10:43:32.934+05:302019-03-13T10:43:32.934+05:30कामिनी दी, दिल को छु गया यह खत! सच में बाप-बेटी का...कामिनी दी, दिल को छु गया यह खत! सच में बाप-बेटी का रिश्ता कितना अनमोल होता हैं...उसे शब्दों में बयान करना बहुत ही मुश्किल हैं...Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-56445512634527309022019-03-11T12:15:36.842+05:302019-03-11T12:15:36.842+05:30आदरणीय दिगम्बर जी ,सच कहा आपने ये पीड़ा वही समझ सकत...आदरणीय दिगम्बर जी ,सच कहा आपने ये पीड़ा वही समझ सकता हैंजो इन रिश्तो के गहराई को समझ सकता हैं और दुनियां में वो अभागे ही होंगे जो माँ बाप के रिश्तो का महत्व ना समझते हैं। आपने ये भी सही कहा ये लेख मेरे आंसू ही है ,ये एक दिन का लिखा नहीं हैं ये दो साल से मेरे अंदर हर पल लिखा जा रहा था। पापा से जुडी मेरी बाते तो इतनी हैं कि लिखती जाऊँ फिर भी ख़त्म नहीं होगा। इसे लेख ना समझ मेरी पीड़ा समझने के लिए दिल से धन्यवाद ,सादर नमस्कार Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-44258807222391354762019-03-11T09:57:39.096+05:302019-03-11T09:57:39.096+05:30निःशब्द ... सोच सकता हूँ ये सब लिखना आसान नहीं रहा...निःशब्द ... सोच सकता हूँ ये सब लिखना आसान नहीं रहा होगा ... रहता भी नहीं लिख के पढ़ते हए खुद को भी कई बार आंसुओं से भोगोया होगा ... माता पिता का रिस्जता ही शायद अनूठा होता है और ये अपनापन जो महसूस करता है वही इसको समझ सकता है ... उनके होते ६० साल की उम्र में भी खुद को बच्चा महसूस करता है इन्सान ... उनकी यादों भी सहारा होती हैं जीने के लिए ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-25106521522354466862019-03-09T13:12:17.926+05:302019-03-09T13:12:17.926+05:30आदरणीय संजय जी ,आपके संत्वना भरे शब्दो के लिए दिल ...आदरणीय संजय जी ,आपके संत्वना भरे शब्दो के लिए दिल से आभार ,बहुत दुःख हुआ ये जान कर कि आप अपनी माँ को बचपन में ही खो चुके हैं। किसी के दर्द को सही मायने में वही समझ सकता है जो खुद ये पीड़ा सह चूका हो। माँ बाप जाकर भी नहीं जाते वो सूक्ष्म रूप में हमेशा हमारे साथ रहते हैं। मैं सच मच बहुत सौभाग्यशाली हूँ जो आजीवन माँ पापा के साथ रही शादी के बाद बेटियों को ये कहाँ नशीब होता है। सादर नमस्कार आप को Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-71679891543877271222019-03-08T14:28:53.895+05:302019-03-08T14:28:53.895+05:30कुछ ज़ख्म ऐसे होते हैं जो कभी नहीं भरते। किसी की स...कुछ ज़ख्म ऐसे होते हैं जो कभी नहीं भरते। किसी की संवेदना काम नहीं आती। समय धीरे-धीरे उन जख्मों के साथ जीने का आदी बना देता है....ईश्वर का दिया वरदान होता है माता -पिता का प्यार जो सभी को नसीब नहीं होता है ...आप बहुत ही खुश नशीब रही है जो आपको माता पिता का प्यार मिला ... मन की वेदना आपके के लिखे शब्दों में खूब दिख रही है आपके लिखी भावनाओं को पढ़कर आपके दु:ख को महसूस कर सकते है क्योंकि मैं इस दर्द से गुजर चूका हूँ मैं बहुत ही छोटा था जब हमारी माँ हमे छोड़कर इस दुनिया से चली गई तब से आज तक इस दर्द से गुजर रहा हूँ ....पिता के लिए बेटी का इतना स्नेह सराहना के काबिल है कामिनी जीसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-15812864621671433932019-03-07T20:18:16.181+05:302019-03-07T20:18:16.181+05:30मेरे ब्लॉग पर आप का हार्दिक स्वागत है अनीता जी,आपक...मेरे ब्लॉग पर आप का हार्दिक स्वागत है अनीता जी,आपके प्रेम और सान्तवना भरे वचनो से मन बहुत आह्लादित हुआ। पिता पुत्री का सम्बन्ध अतुलनीय होता ही हैं ,सादर स्नेह Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-50661895028548508662019-03-07T20:15:10.708+05:302019-03-07T20:15:10.708+05:30प्रिये सुधा जी ,हम इस आभासी दुनियां के मित्र शायद ...प्रिये सुधा जी ,हम इस आभासी दुनियां के मित्र शायद इसीलिए बने है ताकि हम अपनी कथा व्यथा बेझिझक एक दूसरे से साझा कर सके और बेहतर तरीके से समझ भी सके ,क्योकि यहां हम सिर्फ उनकी ख़ुशी या गम सुनते है उन्हें व्यक्तिगत गुण या दोष से उन्हें नहीं जाचते -परखते। वो कहते है न कि जहां में ऐसा कौन है कि जिसको गम मिला नहीं "आप अगर किसी की पीड़ा तभी समझ सकते है जब आप उस से खुद गुजरे हो। आप की भावनाये में बखूबी समझ सकती हूँ क्योकि यही अनुभूति मुझे भी होती है मुझे महसूस होता हैंकि पापा हर वक़्त मेरे सामने होते हैं जब भी तकलीफ में होती हूँवो आ जाते है मेरे पास। आप यकीन नहीं करेगी मैं पापा की तस्वीर पर हार नहीं चढ़ाई हूँ। हार चढाने पर ऐसा लगता है वो नहीं है और जी घबराने लगता। ये तो बस अपनी अपनी भावना और विश्वास की बात हैं। आप की बातो ने मुझे भी ये ढाढ़स बधाया कि मैं ही दुखिया नहीं हूँ ,आपके इस प्रेम भरे सान्तवना के लिए दिल से शुक्रिया ,सखी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-37413214773499305732019-03-07T17:52:23.816+05:302019-03-07T17:52:23.816+05:30पूज्य पिताजी के लिए आपका हृदयस्पर्शी खत पढ़कर आज वर...पूज्य पिताजी के लिए आपका हृदयस्पर्शी खत पढ़कर आज वर्षों बाद पहली बार ऐसा लग रहा है कि हमारे जैसा दर्द किसी और ने भी सहा है आज मुझे भी अपनी तकलीफ शेयर करने का मन कर रहा है वरना आज तक मैने कभी इस दर्द को किसी से नहीं कहा क्योंकि मुझे लगा कि कोई इसे समझ ही नहीं सकता। पीड़ा को कम करने के लिए हमने अपने मन में अपने पापा को जीवित कर दिया हर बात उनकी तस्वीर से ऐसे कहनी जैसे उन्हीं से कह रहे हों ...और इसी विश्वास में कई चमत्कार भी हुए हैं हमारे जीवन में.....अगर हम यूँ कहें कि पापा ने हमारा साथ दिया तो लोग हमें पागल समझेंगे... पर सच कह रही हूँ और दिल से कह रही हूँ कि प्यार और विश्वास में बहुत बड़ी ताकत है हमारे अपने भी साथ न होकर भी साथ होते हैं हमारे एहसासों में .....शरीर मरता है आत्मा नहीं...।हर सुख दुख में वे अपने होने का एहसास कराते हैं।<br />बहुत ही हृदयस्पर्शी और भावपूर्ण लेखन है आपका...परमपिता और पित्रजनोंं की कृपा सदैव आप पर बनी रहे।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-61197628944110092692019-03-07T14:36:28.537+05:302019-03-07T14:36:28.537+05:30पिता और पुत्री के मध्य प्रेम की अजस्र धारा को बहात...पिता और पुत्री के मध्य प्रेम की अजस्र धारा को बहाता यह अनमोल पत्र वाकई आपके मन की व्यथा को व्यक्त करने में सार्थक रहा है, अपने माँ-पिता के प्रति जिसके मन में इतनी श्रद्धा और प्रेम हो वह हृदय सारे अस्तित्त्व से प्रेम किये बिना नहीं रह सकता. विनम्र श्रद्धांजलि आपके पिताजी को.Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-9886539904677403812019-03-07T13:00:33.850+05:302019-03-07T13:00:33.850+05:30आदरणीय सर ,सादर नमस्कार ,आप मेरे ब्लॉग पर आये मेरा...आदरणीय सर ,सादर नमस्कार ,आप मेरे ब्लॉग पर आये मेरा सौभाग्य ,आपने सही कहा पिता का स्थान कोई नहीं ले सकता ,मुझे भी कभी कभी यही लगता है जैसे वो कही तीर्थ पर गए है लेकिन सर वो मेरे बिना तो तीर्थ पर भी नहीं जाते थे। Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-84548575018021166892019-03-07T12:53:34.358+05:302019-03-07T12:53:34.358+05:30प्रिये कुसुम जी ,माता -पिता का प्यार ईश्वर का दिया...प्रिये कुसुम जी ,माता -पिता का प्यार ईश्वर का दिया वरदान होता हैं ,मैं खुश नशीब थी कि ये प्यार मुझे अथाह मिला ,आप तो मुझसे भी ज्यादा भाग्यशाली रही आप को दो दो पिता का भरपूर प्यार मिला। उन्हें अचानक से खोने का दुःख भी दोनों का एक सा रहा। बस अब यही संतोष कर सकते है की उनका आशीर्वाद हमारे साथ हमेशा रहेगा। ये खत अपनी पीड़ा को कम करने का प्रयास भर था क्युकी उससे मैं निकल नहीं पा रही हूँ। मैंने ब्लॉग लिखने का काम भी सिर्फ इस गम से उभरने के लिए किया था ,खुशनशीब रही की आप सब जैसे दोस्तों का साथ मिल गया ,इसके लिए मैं सखी रेणु का दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ,स्नेह सखी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-43470536363999351122019-03-07T12:42:12.409+05:302019-03-07T12:42:12.409+05:30 ये मेरे मन की व्यथा थी जिसे शब्दों में पिरो कर मन... ये मेरे मन की व्यथा थी जिसे शब्दों में पिरो कर मन को सन्तावना देने का प्रयास भर था मेरा ये खत या लेख जो कह ले ,आपने मेरे दर्द को भी अपना लिया ये सौभाग्य है मेरा , मैं धन्य हुई आप सब जैसे दोस्त पा कर,बेटियाँ पिता की लाड़ली होती है और बेटियों के लिए पिता एक पूर्ण संसार ,मेरे पिता भी मेरी पूरी दुनियां थे और यकीनन वो अब भी मेरे साथ होते हैं ,आप के स्नेह का सहृदय धन्यवाद सखी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-80116248599618101822019-03-07T11:22:23.839+05:302019-03-07T11:22:23.839+05:30जी कामिनी जी आपका लिखा यह ख़त आज तीसरी बार पढ़े..हर ...जी कामिनी जी आपका लिखा यह ख़त आज तीसरी बार पढ़े..हर बार पिता और पुत्री के प्रेम की गंगा में से मन भीग गया...अपने पापा से और ज्यादा जुड़ाव महसूस होने लगा.. क्या लिखकर सराहना करे किन शब्दों में श्रद्धांजलि दें यह समझ नहीं पा रहे...बस हृदय से प्रणाम स्वीकार करे मेरा। Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-68065506922163255342019-03-07T09:10:08.708+05:302019-03-07T09:10:08.708+05:30पिता की जगह कोई नहीं ले सकता है। चले जाना ऐसा लगता...पिता की जगह कोई नहीं ले सकता है। चले जाना ऐसा लगता है जैसे यात्रा पर गये हों। महसूस करें तो लगता है यहीं कहीं आसपास हैं। सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-48549103851008965372019-03-07T07:42:03.959+05:302019-03-07T07:42:03.959+05:30प्रिय कामिनी जी आपकी हृदय स्पर्शी प्रस्तुति जैसे म...प्रिय कामिनी जी आपकी हृदय स्पर्शी प्रस्तुति जैसे मेरी जिन्दगी का एक हिस्सा है, मैने भी अपने दोनो पिता को खो दिया मेरे ससुरजी भी मेरे पिता से बढ़कर थे जो स्नेह उन से पाया नही कह सकती की वो मेरे जनक नही ससुरजी थे। दोनो का अगाध प्रेम झटके में टूट गया बस उस हिस्से को हृदय में संभाल कर सहेज रखा है।<br />आपके लेख ने तारों को झनझना दिया।<br />अप्रतिम अतुलनीय लेख आपका। मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-47781296461710198352019-03-06T20:05:23.380+05:302019-03-06T20:05:23.380+05:30सच सखी ,उस वक़्त तो हमे भी यही लग रहा था कि जरूर हम...सच सखी ,उस वक़्त तो हमे भी यही लग रहा था कि जरूर हमारे घर को हमारी खुशियों को किसी की नजर लग गई। Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-1316154914371249252019-03-06T20:02:53.293+05:302019-03-06T20:02:53.293+05:30तुमने सही कहा सखी,पिता के लिए बेटी के प्यार को शब्...तुमने सही कहा सखी,पिता के लिए बेटी के प्यार को शब्दों में पिरोना बहुत मुश्किल हैं ,इस प्यार का कोई सानी नहीं ,ये भी सच हैं की एक बेटी के दर्द को जान हर उस बेटी की आखें भर जायेगी जिन्होंने अपने पिता को खोया हैं। सखी ,मैं इसे अपना दुर्भाग्य कहूँ या सौभाग्य कि मैं कभी अपने पापा से दूर रही ही नहीं,जिस कारण उनकी कमी मुझे हर पल खलती हैं। लेकिन तुमने ये भी सही कहा कि उनका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ हैं। मैंने अपना गम अब तक छुपाये रखा था ,आज तक माँ के सामने रोइ नहीं हूँ। आज ब्लॉग के इन अनजाने दोस्तों के साथ अपना गम साझा कर और उनके प्यार भरे शब्दों को सून मन थोड़ा हल्का लग रहा हैं। इस लेख कों लिखने का मेरा उदेश्य भी यही था कि मेरा दर्द थोड़ा कम हो जाये ,शुक्रिया सखी ,तुम सब के प्यार का Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-60973551931567311482019-03-06T19:48:01.421+05:302019-03-06T19:48:01.421+05:30 आप के इस सप्रेम वचनो का दिल से शुक्रिया ,स्नेह सख... आप के इस सप्रेम वचनो का दिल से शुक्रिया ,स्नेह सखी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-9104810567475810232019-03-06T19:46:01.365+05:302019-03-06T19:46:01.365+05:30सहृदय धन्यवाद नीतीश जी , आप का मेरे ब्लॉग पर स्वा...सहृदय धन्यवाद नीतीश जी , आप का मेरे ब्लॉग पर स्वागत है.Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-47486121800528409052019-03-06T19:42:35.231+05:302019-03-06T19:42:35.231+05:30 दिल से धन्यवाद सखी ,माँ बाप होते ही हैं अति प्रि... दिल से धन्यवाद सखी ,माँ बाप होते ही हैं अति प्रिये ,किसी को खोने का दुःख वही समझ सकता हैं जिसने अपने किसी प्रिये को खोया हो। Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.com