tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post7068210696695878732..comments2024-03-11T12:32:58.950+05:30Comments on मेरी नज़र से : पर्दा नहीं जब कोई खुदा से ....Kamini Sinhahttp://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-86634719535526391322019-10-24T16:51:05.544+05:302019-10-24T16:51:05.544+05:30तहे दिल से आभारी हुँ मीना जी, सादर नमनतहे दिल से आभारी हुँ मीना जी, सादर नमनKamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-86131517331035327702019-10-24T16:49:15.040+05:302019-10-24T16:49:15.040+05:30तहे दिल से आभार नीतु जी, सादरतहे दिल से आभार नीतु जी, सादरKamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-26928293670093093762019-10-14T21:33:58.745+05:302019-10-14T21:33:58.745+05:30बहुत सुन्दर चिन्तन कामिनी जी ! आपकी सुन्दर सोच को ...बहुत सुन्दर चिन्तन कामिनी जी ! आपकी सुन्दर सोच को नमन!!Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-3215445412980799552019-10-12T01:26:54.677+05:302019-10-12T01:26:54.677+05:30बहुत खूब 👌👌👌बहुत खूब 👌👌👌NITU THAKURhttps://www.blogger.com/profile/03875135533246998827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-85593827164836425722019-10-11T16:18:42.534+05:302019-10-11T16:18:42.534+05:30 सहृदय धन्यवाद लोकेश जी ,अपनी प्रतिक्रिया देकर मेर... सहृदय धन्यवाद लोकेश जी ,अपनी प्रतिक्रिया देकर मेरा मनोबल बढ़ाने के लिए आभार ,सादर Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-501114174697835952019-10-11T16:15:36.488+05:302019-10-11T16:15:36.488+05:30आपने अपनी प्रतिक्रिया से मेरे लेख को और विस्तार ...आपने अपनी प्रतिक्रिया से मेरे लेख को और विस्तार दे दिया सहृदय धन्यवाद एवं आभार ,सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-18978260778506692082019-10-11T16:12:35.993+05:302019-10-11T16:12:35.993+05:30बिलकुल सही कहा आपने ज्योति बहन फिर धरती पर स्वर्ग ...बिलकुल सही कहा आपने ज्योति बहन फिर धरती पर स्वर्ग की कल्पना नहीं करनी होगी स्वर्ग खुद ब खुद आजायेगा ,पर बदलाव की शुरुआत खुद से ही करनी होगी ,मेरे लेख पर आपकी सार्थक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल से शुक्रिया ,सादर Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-68072533220564799022019-10-10T18:30:32.856+05:302019-10-10T18:30:32.856+05:30बहुत सुंदर लिखा आदरणीयाबहुत सुंदर लिखा आदरणीयाLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-15643275914509349572019-10-10T14:27:32.293+05:302019-10-10T14:27:32.293+05:30 क्युँ न हम अपनी सोच को ,अपने लफ्जो को ,अपने कर्मो... क्युँ न हम अपनी सोच को ,अपने लफ्जो को ,अपने कर्मो को इतना प्रभावशाली और पारदर्शी बनाएं कि हमे किसी भी आवरण की जरूरत ही ना पड़े।<br /><br />बहुत सुंदर कामिनी जी पर्दा क्या है? जब खुद से खुद का हो तो एक धोखा ही तो है, खुद को भ्रम में रखने का खुद को धोखा देते जाने का, जिसमें कभी कामयाबी नहीं मिलती बस एक भुलावे में जिंदगी गुजार ने का झुठा प्रयास ।<br />सार्थक विषय सार्थक लेख।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-71091864959142230782019-10-10T14:26:51.793+05:302019-10-10T14:26:51.793+05:30 हम अपनी नजरों को इतना पाक बनाएं कि किसी को भी अपन... हम अपनी नजरों को इतना पाक बनाएं कि किसी को भी अपनी खूबसूरती या बदसूरती को छुपाना ही ना पड़े। काश,इंसान की सोच ऐसी हो जाए तो धरती को स्वर्ग बनते देर नहीं लगेगी। बहुत सुंदर विचार,कामिनी दी।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-12372767533033220412019-10-10T13:21:42.999+05:302019-10-10T13:21:42.999+05:30सहृदय धन्यवाद सुबोध जी ,आपके बहुमूल्य प्रतिक्रिया ...सहृदय धन्यवाद सुबोध जी ,आपके बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए आभार ,सादर <br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-68997491571400927192019-10-10T12:33:40.260+05:302019-10-10T12:33:40.260+05:30पर्दा या आवरण ख़ास कर मन पर (अक्ल के लिए तो मुहावरा...पर्दा या आवरण ख़ास कर मन पर (अक्ल के लिए तो मुहावरा प्रचलित है ही ) जितना पारदर्शी हो या हो ही नहीं तो बेहतर ... अच्छी मानसिकता से ओत-प्रोत रचना के लिए शुभकामनाएं ...Subodh Sinhahttps://www.blogger.com/profile/05196073804127918337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-64224416678624048792019-10-08T14:24:23.200+05:302019-10-08T14:24:23.200+05:30सहृदय धन्यवाद सुजाता जी , विजयदशमी की हार्दिक शुभक...सहृदय धन्यवाद सुजाता जी , विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-4377978107792695002019-10-08T05:31:45.961+05:302019-10-08T05:31:45.961+05:30सच । लोग कितना भी सच को छिपा लें।एक-न-एक दिन वह खु...सच । लोग कितना भी सच को छिपा लें।एक-न-एक दिन वह खुलकर सामने आ ही जाता है।SUJATA PRIYEhttps://www.blogger.com/profile/04317190675625593228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-72498258468872422522019-10-07T14:48:32.351+05:302019-10-07T14:48:32.351+05:30मेरी रचना पर इतनी सुंदर प्रतिक्रिया देने के लिए हृ...मेरी रचना पर इतनी सुंदर प्रतिक्रिया देने के लिए हृदय तल से आभार सखी ,तुम्हे भी रामनवमी की हार्दिक बधाई Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-7215619345041251892019-10-07T14:45:26.500+05:302019-10-07T14:45:26.500+05:30मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार श्वेता ज...मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार श्वेता जी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-41388114868259250622019-10-07T00:09:11.575+05:302019-10-07T00:09:11.575+05:30प्रिय कामिनी , बहुत सुंदर आंतरिक बोध को झंकृत करती...प्रिय कामिनी , बहुत सुंदर आंतरिक बोध को झंकृत करती पर्दे की विवेचना ! सच है सखी , प्राय हर इंसान अपने आप को अच्छे से भी अच्छा सिद्ध करने की कोशिश में लगा रहता है , पर अक्सर छद्म आचरण का पटाक्षेप हो ही जाता है क्योकि ईश्वर को भी सरल सहज लोग ही पसंद आते हैं , जिसके उदाहरण हमारे पुराणों में भरे पड़े हैं | अगर वे कपोल काल्पनिक भी होंगे तब भी उन्हें सच्चाई की महिमा बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा गया होगा |और हमारे पौराणिक आदर्श तो यही कहते हैं कि अपनी अच्छाई को पर्दे में ही रहने दें क्योकि ----- <br />बड़े बडाई ना करें - बड़े ना बोलें बोल -- रहिमन हीरा कब कहे लाख टका मेरा मोल !!! <br />हाँ अपनी कमियां पर्दे से बाहर निकाल सरेआम रखने वालों को भी बख्शा नहीं जाता -- उनकी पारदर्शी ईमानदारी पर सौ सवाल खड़े किये जाते हैं | सुंदर सार्थक लेख के लिए बधाई और त्यौहार पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनायें | तुम यूँ ही बढिया चिंतन परक लेखों से अपना ब्लॉग सजती रहो यही दुआ है |रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-81171066804595836482019-10-07T00:07:39.714+05:302019-10-07T00:07:39.714+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-48280872349683678672019-10-06T14:10:24.763+05:302019-10-06T14:10:24.763+05:30सहृदय धन्यवाद सखी ,सादर स्नेह सहृदय धन्यवाद सखी ,सादर स्नेह Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-3598836664475891012019-10-06T14:09:41.135+05:302019-10-06T14:09:41.135+05:30 सहृदय धन्यवाद ओंकार जी ,आभार एवं सादर नमस्कार आपक... सहृदय धन्यवाद ओंकार जी ,आभार एवं सादर नमस्कार आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-84527721031176643572019-10-06T14:07:06.661+05:302019-10-06T14:07:06.661+05:30सहृदय धन्यवाद मीना जी ,आपकी प्रतिक्रिया हमेशा मेरा...सहृदय धन्यवाद मीना जी ,आपकी प्रतिक्रिया हमेशा मेरा मनोबल बढाती हैं ,सादर Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-13465705395969191092019-10-06T14:03:55.809+05:302019-10-06T14:03:55.809+05:30सहृदय धन्यवाद अनीता जी ,मेरी लेख को चर्चामंच में स...सहृदय धन्यवाद अनीता जी ,मेरी लेख को चर्चामंच में स्थान देने के लिए ,सादर Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-92220553719128477282019-10-06T12:35:55.043+05:302019-10-06T12:35:55.043+05:30सही कहा सखी आपने।सच को छुपाने के लिए झूठ के कितने ...सही कहा सखी आपने।सच को छुपाने के लिए झूठ के कितने भी आवरण रख दें।एक न एक दिन सत्य बाहर आ ही जाता है। बहुत सुंदर आलेख लिखा 👌👌👌👌Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-57942484336147881382019-10-06T08:52:33.490+05:302019-10-06T08:52:33.490+05:30सार्थक प्रस्तुति सार्थक प्रस्तुति Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-70170656772775234532019-10-05T21:50:39.650+05:302019-10-05T21:50:39.650+05:30बहुत सुंदर, एकदम मौलिक सी पठनीय रचना। सस्नेह।बहुत सुंदर, एकदम मौलिक सी पठनीय रचना। सस्नेह।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.com