tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post1498995732162258063..comments2024-03-11T12:32:58.950+05:30Comments on मेरी नज़र से : "खिलतें हैं फुल बनके चुभते हैं हार बनके" Kamini Sinhahttp://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comBlogger59125tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-22401981757611469762023-01-09T01:53:44.153+05:302023-01-09T01:53:44.153+05:30Nice Post Good Informatio ( Chek Out )
👉 बिहार क...Nice Post Good Informatio ( Chek Out ) <br />👉 <a href="https://www.futurologynews.in/kisan-andolan-of-bihar/" rel="nofollow">बिहार के किसान आंदोलन पर एक टिप्पणी लिखें</a><br />👉 <a href="https://www.futurologynews.in/class-10th-history/" rel="nofollow">class 10th history ( सामाजिक विज्ञान ) objective question answer in hindi</a><br />👉 <a href="https://allwikibios.com/dramacool-hindi-web-series/" rel="nofollow">Dramacool In hindi</a><br />👉 <a href="https://allwikibios.com/class-10th-history-objective-2/" rel="nofollow">Class 10th history objective question answer</a><br />👉 <a href="https://allwikibios.com/best-gk-hindi-telegram-group/" rel="nofollow">best gk hindi telegram group link</a><br />👉 <a href="https://allwikibios.com/top-10-educational-app/" rel="nofollow">Top 10 Educational App</a><br />👉 <a href="https://allwikibios.com/ipl-free-me-kaise-dekhe/" rel="nofollow">IPL फ्री में कैसे देखे 2023</a>Soni Kumarihttps://www.blogger.com/profile/09629593721731606823noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-2722920601695117322021-07-01T12:52:37.060+05:302021-07-01T12:52:37.060+05:30सहृदय धन्यवाद आपको,सादर नमन सहृदय धन्यवाद आपको,सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-58101871357035320952021-06-30T19:57:40.782+05:302021-06-30T19:57:40.782+05:30रिश्ते जबरदस्ती बनाने और निभाने हों तो बड़ी मुश्किल...रिश्ते जबरदस्ती बनाने और निभाने हों तो बड़ी मुश्किल है. <br />मगर ब्लॉगिंग करते हुए वर्षों तक एक दूसरे का लिखा पढ़ते, टिप्पणी करते एक अलग रिश्ता बन जाता है- शब्दों का रिश्ता...इसमें स्त्री पुरूष वाली बात नहीं. वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-11386734999306930072021-06-28T20:58:22.270+05:302021-06-28T20:58:22.270+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-26579659714646728292021-06-28T20:57:30.523+05:302021-06-28T20:57:30.523+05:30"इंसान की प्रवृति और चरित्र अगर हम पहचानने की..."इंसान की प्रवृति और चरित्र अगर हम पहचानने की योग्यता नहीं रखते,भावानात्मक रूप से अति संवेदनशील हैं तो फिर किसी से भी रिश्ते बनाने से पहले परिणाम सोच लेना बेहतर होगा"<br />आपने सत्य कहा श्वेता जी,परन्तु समस्या ये है कि- कई बार हम सालो साथ रहने के बाद भी किसी इंसान की प्रवृति और चरित्र को नहीं समझ पाते तो दूर बैठे एक अनजाने के मन में कैसी मनसा चल रही है वो कैसे जान पाएंगे। अति संवेदनशील व्यक्ति तो छोड़े कई बार अति समझदार व्यक्ति भी पर्दे के पीछे छिपे इंसान को पहचानने में विफल रहता है। तो मेरा मानना यही है कि -ऐसे रिश्तों में भावनाओं के साथ साथ सतर्कता भी जरुरी है। <br />आपने मेरे इस लेख पर अपनी प्रतिक्रिया दी इसके लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया। इस लेख को लिखने का मकसद ही मेरा बस यही था कि - सब की विचारों से अवगत हो सकूं। आपने भी इसमें मेरी मदद की इसके लिए आभारी हूँ ,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-35986866443384819982021-06-28T20:48:46.437+05:302021-06-28T20:48:46.437+05:30दिल से शुक्रिया उषा जी,सहमत हूँ आपकी बातों से........दिल से शुक्रिया उषा जी,सहमत हूँ आपकी बातों से.....मेरे लेख पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए तहे दिल से आभार एवं सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-72354379469766511762021-06-28T20:46:57.078+05:302021-06-28T20:46:57.078+05:30दिल से शुक्रिया जिज्ञासा जी,सादर नमन आपको दिल से शुक्रिया जिज्ञासा जी,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-19468715026533828252021-06-28T13:09:37.294+05:302021-06-28T13:09:37.294+05:30यह समझने में समय लगता है कि गहरे सम्बन्ध ही सुख दे...यह समझने में समय लगता है कि गहरे सम्बन्ध ही सुख देते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-33312345156020185852021-06-28T12:56:37.930+05:302021-06-28T12:56:37.930+05:30प्रिय कामिनी जी,
आपका यह लेख हम पहले भी पढ़ चुके कि...प्रिय कामिनी जी,<br />आपका यह लेख हम पहले भी पढ़ चुके किंतु सही शब्द जिससे प्रतिक्रिया लिख पायें न ढूँढ सके।<br />हम बस इतना समझते हैं कि रिश्ता कोई भी चाहे आभासी हो या यथार्थवादी अपना दृष्टिकोण सदैव साफ़ रखना चाहिए, ईमानदारी,सम्मान,स्नेह और समर्पण हर रिश्ते को खुशबूदार बनाती है हाँ इंसान की प्रवृति और चरित्र अगर हम पहचानने की योग्यता नहीं रखते,भावानात्मक रूप से अति संवेदनशील हैं तो फिर किसी से भी रिश्ते बनाने से पहले परिणाम सोच लेना बेहतर होगा क्योंकि बहुत तकलीफ़ होती है बाद में जिसे बर्दाश्त कर पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता। <br />बेहतरीन विषय पर संवेदनशील लेखन।<br />सस्नेह। Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-17431483251268256952021-06-28T10:45:32.170+05:302021-06-28T10:45:32.170+05:30रिश्ते जो जिंदगी में मिलते हैं प्यार बनके
ख...रिश्ते जो जिंदगी में मिलते हैं प्यार बनके <br /><br /> खिलतें हैं फुल बनके चुभते हैं हार बनके<br />बहुत खूब पंक्तियाँ । मेरे विचार से बुद्धि और मन तथा भावनाओं के सतर्कतापूर्ण संयोजन से बना हर तरह का रिश्ता सुख बुनता है ।उषा किरणhttps://www.blogger.com/profile/14723538513393658010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-64102569674532050022021-06-28T10:22:56.924+05:302021-06-28T10:22:56.924+05:30एक बार फिर इस सारगर्भित और आज के दौर में सार्थक आल...एक बार फिर इस सारगर्भित और आज के दौर में सार्थक आलेख के लिए हार्दिक शुभकामनाएं कामिनी जी।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-78283188287183514752021-03-12T12:36:18.888+05:302021-03-12T12:36:18.888+05:30जिस रिश्ते में सम्मान और स्नेह नहीं वो तो रिश्ता ह...जिस रिश्ते में सम्मान और स्नेह नहीं वो तो रिश्ता ही नहीं है दी,<br />आपकी स्नेह की वर्षा चहुँ ओर हो रही है और मैं भी इससे अछूती नहीं रही... ये मेरा सौभाग्य है। <br />विश्वास है ये रिश्ता दूर तक चलेगा और मुझे आपका आशीर्वाद मिलता रहेगा... सादर नमस्कार दी Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-26666706989148325712021-03-11T16:21:24.127+05:302021-03-11T16:21:24.127+05:30शुक्रिया कामिनी . आप जो चाहें कह सकती हैं . यूँ आभ...शुक्रिया कामिनी . आप जो चाहें कह सकती हैं . यूँ आभासी ही रिश्ते हैं मेरे और तुम्हारे . लेकिन मैं सब रिश्तों का सम्मान करती हूँ . संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-5986920927469897502021-03-10T13:58:46.040+05:302021-03-10T13:58:46.040+05:30सहृदय धन्यवाद सर,सादर नमन सहृदय धन्यवाद सर,सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-58635458619782296872021-03-10T13:58:10.536+05:302021-03-10T13:58:10.536+05:30तहे दिल से शुक्रिया ज्योति जी,संगीता दी ने सारे तथ...तहे दिल से शुक्रिया ज्योति जी,संगीता दी ने सारे तथ्यों को इतने अच्छे से रखा है कि-असहमत होने की गुंजाईश ही नहीं है। सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-19709415984902934552021-03-10T13:54:54.004+05:302021-03-10T13:54:54.004+05:30तहे दिल से शुक्रिया अलकनन्दा जी,चर्चा को आगे बढ़ाने...तहे दिल से शुक्रिया अलकनन्दा जी,चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए आभार Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-69622044762572219582021-03-10T13:52:40.114+05:302021-03-10T13:52:40.114+05:30आदरणीय संगीता दी,सर्वप्रथम तो क्या आपकी अनुमति है ...आदरणीय संगीता दी,सर्वप्रथम तो क्या आपकी अनुमति है कि -मैं आपको दीदी बुला सकती हूँ। <br />आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया पाकर बेहद ख़ुशी हुई। आपकी अनुभव से भी अवगत हुई एवं आपका मार्गदर्शन भी मिला। आपने बिलकुल सत्य कहा है कि -"रिश्ते बनाना और निबाहना इस विषय पर हर व्यक्ति का अपना अलग विचार हो सकता है।"<br />दिल से बन कोई भी रिश्ता सुखद ही होता है मगर जब वो सिर्फ टाईमपास होता हैतो दुखद हो जाता है। <br />हक़ीकत यही बनती जा रही है कि - इस तरह के रिश्ते व्यक्ति की ज़िंदगी पर तो हावी हो रहे, सच यही है कि खतरे की घंटी बज चुकी है। ये यंगस्टर में ही नहीं प्रौढ़ में भी प्रदूषण फैला रहा है। वैसे मेरा भी अब तक का अनुभव यही है मुझे आभासी सखियाँ मिली है उनके साथ मेरा रिश्ता परफेक्ट है। <br />आपका तहे दिल से शुक्रिया दी,सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-58415832568140839392021-03-10T09:46:13.853+05:302021-03-10T09:46:13.853+05:30
बहुत सुंदर टिप्पणी संगीता जी ,सभी पहलुओ को बखूबी ...<br />बहुत सुंदर टिप्पणी संगीता जी ,सभी पहलुओ को बखूबी समझाया, नमनज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-81472361553296017662021-03-10T09:43:14.831+05:302021-03-10T09:43:14.831+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-54119901848888239022021-03-09T22:48:06.309+05:302021-03-09T22:48:06.309+05:30बहुत सुंदर और अच्छा विश्लेषण
बधाईबहुत सुंदर और अच्छा विश्लेषण<br />बधाईJyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-75117376848204006492021-03-08T16:45:31.644+05:302021-03-08T16:45:31.644+05:30मैं संगीता जी की बात से शतप्रतिशत सहमत हूं कामिन...मैं संगीता जी की बात से शतप्रतिशत सहमत हूं कामिनी जी, आपने आभासी रिश्तों की अच्छी बखिया उधेड़ी ..वाह Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-65790280126410689792021-03-08T15:06:46.431+05:302021-03-08T15:06:46.431+05:30बहुत ज्वलन्त मुद्दा उठाया है ।जब से इंटरनेट घर घर ...बहुत ज्वलन्त मुद्दा उठाया है ।जब से इंटरनेट घर घर पहुँचा है बहुत कुछ बदल गया है रिश्तों में । एक नया नाम जुड़ गया आभासी । जहाँ इस इंटरनेट ने बहुत से लोगों से परिचित कराया वहीं रिश्ते भी बनवाये । कुछ आभासी मित्रों से वक़्त वक़्त पर मिलना भी हुआ । कुछ मन के इतने करीब है कि वो कहीं से भी स्वयं से अलग नहीं लगते । <br />लेकिन तुम्हारे लेख में मात्र ऐसी मित्रता की बात नहीं है कि बस दो लोगों की सोच एक सी , हॉबी एक सी , विचार एक से इस लिए मित्रता हो गयी और खुशी खुशी वक़्त व्यतीत हो रहा । समस्या ये है कि इस तरह के रिश्ते व्यक्ति की ज़िंदगी पर तो हावी नहीं हो रहे ? यदि ऐसा है तो सच ही खतरे की घंटी है ।क्यों कि हो सकता है कि वो व्यक्ति अपना समय तो बहुत संतुष्टि से खुश हो बिता रहे हो लेकिन उसके परिवार के असली रिश्ते पीछे छूट रहे हों । तब क्या होगा ? कभी कभी ये आभासी रिश्ते केवल मौज मस्ती के नहीं रह पाते। अब ये रिश्ता चाहे पुरुष के हों या स्त्री के मुझे तो यही लगता है कि ऐसे रिश्ते पीड़ा का ही कारण बनते हैं ।लेकिन यदि कोई जीवन में अकेला हो तो अकेलेपन की त्रासदी से निकलने के लिए ऐसे रिश्ते बुरे भी नहीं ।<br />अगर देखा जाए तो निष्कर्ष यही है कि अति हर चीज़ की बुरी ।एक सीमारेखा खुद ही खींचनी होगी ।<br />मुझे तो यहाँ बहुत प्यारे रिश्ते मिले है । जब भी अवसर मिला इन आभासी लोगों से मुलाकात भी की । आगे भी करती रहूँगी। बाकी तो रिश्ते बनाना और निबाहना इस विषय पर हर व्यक्ति का अपना अलग विचार हो सकता है ।<br />मेरी दृष्टि में बस इतना ही है कि कोई भी पति या पत्नी ऐसे रिश्ते न बनाएं जिससे दूसरे पार्टनर को चोट पहुंचे । दोस्ती हो लेकिन एक सीमा में । लिखती जा रही समझ नहीं आ रहा अंत कहाँ करूँ । दिल बहलाने के लिए एक रोग और न पाल लिया जाए इस बात से पूरी तरह सहमत । <br />संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-13976417024560941652021-03-08T11:50:19.623+05:302021-03-08T11:50:19.623+05:30सहृदय धन्यवाद ज्योति जी,सहमत हूँ आपकी बातों से। सर...सहृदय धन्यवाद ज्योति जी,सहमत हूँ आपकी बातों से। सराहना हेतु दिल से आभार एवं नमन <br />आपको भी महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-39155120178600059372021-03-08T11:48:17.181+05:302021-03-08T11:48:17.181+05:30सहृदय धन्यवाद मनोज जी,सराहना हेतु आभार एवं नमन सहृदय धन्यवाद मनोज जी,सराहना हेतु आभार एवं नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-43738341547917342102021-03-08T11:47:44.640+05:302021-03-08T11:47:44.640+05:30सहृदय धन्यवाद वीरेंद्र जी,सराहना हेतु आभार एवं नमन...सहृदय धन्यवाद वीरेंद्र जी,सराहना हेतु आभार एवं नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.com