tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post1298560411697240358..comments2024-03-11T12:32:58.950+05:30Comments on मेरी नज़र से : "सीख"Kamini Sinhahttp://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-59526878414220445832021-03-22T21:50:43.197+05:302021-03-22T21:50:43.197+05:30आप ने पढ़ा यही काफी है, आप ने सही कहा सीखा तो हर उ...आप ने पढ़ा यही काफी है, आप ने सही कहा सीखा तो हर उम्र जा सकता है, प्रतिक्रिया देने के लिए दिल से धन्यवाद दी,सादर नमस्कारKamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-77192657771902820262021-03-22T13:17:26.073+05:302021-03-22T13:17:26.073+05:30ये लघु कथा तो पढ़ कर गयी थी टिप्पणी कैसे नहीं है ?ख...ये लघु कथा तो पढ़ कर गयी थी टिप्पणी कैसे नहीं है ?खैर ....मोबाइल से कुछ भी हो सकता है ।<br />सीख देती अच्छी लघु कथा ।। बड़े भी ले सकते हैं सीख यदि अहम को त्याग दें । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-63935855013710808402021-03-20T11:48:04.200+05:302021-03-20T11:48:04.200+05:30बहुत बहुत धन्यवाद सर,सादर नमन बहुत बहुत धन्यवाद सर,सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-89527829488240154872021-03-20T11:47:18.408+05:302021-03-20T11:47:18.408+05:30सहृदय धन्यवाद अनीता जी,आभार एवं नमन सहृदय धन्यवाद अनीता जी,आभार एवं नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-84430765949175145092021-03-20T02:00:23.659+05:302021-03-20T02:00:23.659+05:30बिल्कुल सही फरमाया आपनी गलती का एहसास होना भी जरूर...बिल्कुल सही फरमाया आपनी गलती का एहसास होना भी जरूरी है बहुत ही शानदार पोस्ट आदरणीय कामिनी जीSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-76672409467067973482021-03-19T14:48:07.886+05:302021-03-19T14:48:07.886+05:30सही कहा है आपने, बड़ों को हम कुछ कह नहीं सकते पर सी...सही कहा है आपने, बड़ों को हम कुछ कह नहीं सकते पर सीख तो ले ही सकते हैं Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-22043435100802568422021-03-19T12:30:57.031+05:302021-03-19T12:30:57.031+05:30आपने सही कहा कुसुम जी शारिरिक और मानसिक थकावट इसकी...आपने सही कहा कुसुम जी शारिरिक और मानसिक थकावट इसकी सबसे बड़ी वजह हो जाती है। आपके इस स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए दिल से शुक्रिया एवं सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-8896937571562605722021-03-19T12:28:39.545+05:302021-03-19T12:28:39.545+05:30सहृदय धन्यवाद आपका जितेंद्र जी, सादर नमन सहृदय धन्यवाद आपका जितेंद्र जी, सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-27807617651451070872021-03-18T20:06:37.943+05:302021-03-18T20:06:37.943+05:30सारगर्भित विषय उठाया है आपने कामिनी जी जिसके दो पह...सारगर्भित विषय उठाया है आपने कामिनी जी जिसके दो पहलू हैं,एक तो उम्र दराज व्यक्ति कई दफा शारिरिक और मानसिक थकावट के चलते ऐसा व्यवहार कर जाते हैं, जिनमें कोई दुराग्रह नहीं होता बस समझने वाला वस्तुस्थिति समझ नहीं पाता ,साथ ही युवा पीढ़ी धैर्य से ये सब स्वीकार नहीं सकती। वैसे संतुलन दोनों के लिए जरूरी है।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-56865953530245050042021-03-18T19:12:36.878+05:302021-03-18T19:12:36.878+05:30जी हां, बात ठीक ही है कामिनी जी । बड़ों को छोटों क...जी हां, बात ठीक ही है कामिनी जी । बड़ों को छोटों के लिए आदर्श बनते हुए अपने आचरण के प्रति विशेष रूप से सजग रहना चाहिए ।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-64897515261293462772021-03-18T12:37:50.221+05:302021-03-18T12:37:50.221+05:30
सहृदय धन्यवाद सर,सरहनासम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए ...<br />सहृदय धन्यवाद सर,सरहनासम्पन्न प्रतिक्रिया के लिए आभार,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-24910063338513504432021-03-18T12:37:00.095+05:302021-03-18T12:37:00.095+05:30
सहृदय धन्यवाद सर,मेरी रचना को स्थान देने के लिए ...<br />सहृदय धन्यवाद सर,मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-86836384937873278132021-03-18T12:35:42.615+05:302021-03-18T12:35:42.615+05:30दिल से शुक्रिया अनीता जी,सराहना हेतु आभार बहन दिल से शुक्रिया अनीता जी,सराहना हेतु आभार बहन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-47859927004960526902021-03-18T12:34:41.152+05:302021-03-18T12:34:41.152+05:30दिल से शुक्रिया ज्योति जी,मेरे विचारों पर अपनी सहम...दिल से शुक्रिया ज्योति जी,मेरे विचारों पर अपनी सहमति देने के लिए आभार,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-23024959590520469432021-03-18T12:32:48.223+05:302021-03-18T12:32:48.223+05:30" उनसे खीझ कर नहीं सीख कर आगे बढ़ जाना चाहिए.&..." उनसे खीझ कर नहीं सीख कर आगे बढ़ जाना चाहिए."<br />बहुत ही अच्छी बात कही आपने...मेरे लघु कथा पर अपने इतने अच्छे विचार रखने के लिए दिल से आभार अपर्णा जी...सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-18391681195620000472021-03-18T12:28:15.274+05:302021-03-18T12:28:15.274+05:30सहृदय धन्यवाद जिज्ञासा जी,सहमत हूँ आपकी बातों से ,...सहृदय धन्यवाद जिज्ञासा जी,सहमत हूँ आपकी बातों से ,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-3395406305449711172021-03-18T12:26:43.716+05:302021-03-18T12:26:43.716+05:30सहृदय धन्यवाद ज्योति जी,आपकी प्रतिक्रिया हमारा मनो...सहृदय धन्यवाद ज्योति जी,आपकी प्रतिक्रिया हमारा मनोबल बढाती है,सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-81771798206832595452021-03-18T09:22:54.712+05:302021-03-18T09:22:54.712+05:30बहुत ही शानदार और शिक्षाप्रद पोस्ट ।बधाई और शुभकाम...बहुत ही शानदार और शिक्षाप्रद पोस्ट ।बधाई और शुभकामनाएंजयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-41977145660919828952021-03-18T08:29:06.793+05:302021-03-18T08:29:06.793+05:30बहुत सुंदर सृजन।
आदरणीय अपर्णा बाजपेई जी से सहमत भ...बहुत सुंदर सृजन।<br />आदरणीय अपर्णा बाजपेई जी से सहमत भी हूँ।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-86812243965098748892021-03-17T14:11:09.483+05:302021-03-17T14:11:09.483+05:30बिल्कुल सही कहा कामिनी दी कि छोटों की नज़र में खुद ...बिल्कुल सही कहा कामिनी दी कि छोटों की नज़र में खुद का मान-मर्यादा बनाये रखना भी बड़ों का अहम फर्ज है। Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-83516110240428708502021-03-17T13:50:57.815+05:302021-03-17T13:50:57.815+05:30यही हम भी करते हैं,बड़ों का गुस्सा भी प्यार ही होता...यही हम भी करते हैं,बड़ों का गुस्सा भी प्यार ही होता है, उनसे खीझ कर नहीं सीख कर आगे बढ़ जाना चाहिए.… जो अभी हमें गलत कर रहा हो वह शायद भविष्य में सही लगे। बड़ों के साथ रहना हममे धैर्य लाता है जो जीवन के हर कदम पर काम आता है..<br />बहुत प्रासंगिक रचना<br />सादरAparna Bajpaihttps://www.blogger.com/profile/08203302600555406854noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-62711878592885943852021-03-17T13:34:17.330+05:302021-03-17T13:34:17.330+05:30कामिनी जी ये बातें, हमारे जीवन में लगभग रोज घटित ह...कामिनी जी ये बातें, हमारे जीवन में लगभग रोज घटित होती हैं, आज की पीढ़ी बड़ी जल्दी बेसब्र हो जाती है, धैर्य,संयम नाम से परहेज है, जिससे बड़ों से सामंजस्य स्थापित नहीं हो पाता और मतभेद होता है, वो बड़ों को समझने, समझाने के बजाय उलझ पड़ते हैं,और विघटन होता है, ..सारगर्भित लेखन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं..जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-51145999387449027732021-03-16T23:28:34.847+05:302021-03-16T23:28:34.847+05:30बहुत ही अच्छी कथा, अपनी गलती का अहसास होना जरूरी ह...बहुत ही अच्छी कथा, अपनी गलती का अहसास होना जरूरी है साथ ही उसमे सुधार भी, बहुत बहुत बधाई हो कामिनी जी नमनज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-89704552571872921892021-03-16T23:26:48.777+05:302021-03-16T23:26:48.777+05:30दिल से शुक्रिया सधु जी, सादर नमनदिल से शुक्रिया सधु जी, सादर नमनKamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3326747471989254320.post-28245293038477266632021-03-16T19:11:38.254+05:302021-03-16T19:11:38.254+05:30बहुत सुन्दर और सार्थक लघुकथा कामिनी जी।
सादर। बहुत सुन्दर और सार्थक लघुकथा कामिनी जी।<br />सादर। सधु चन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/03218271250912628033noreply@blogger.com